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दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच एक बार फिर तनातनी, आप के दो नेताओं को बिजली बोर्ड से किया बाहर

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दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और सीएम केजरीवाल

दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच एक बार फिर गतिरोध का मामला सामने आया है. दिल्ली के एलजी यानी कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आम आदमी पार्टी की तरफ से नॉमिनेट किये गए प्राइवेट डिसकॉम्स (DISCOMS) के दो सदस्यों को हटा दिया है. अब उनकी जगह ब्यूरोक्रेंट्स को बोर्ड में नामित किया गया है. एलजी वीके सक्सेना ने संवैधानिक प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप लगाया और आम आदमी पार्टी के नेता और प्रवक्ता जैस्मीन शाह और राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता के बेटे नवीन गुप्ता को हटा दिया.

अन्य रिपोर्ट के मुताबिक उपराज्यपाल ने इन दोनों सदस्यों को हटाकर उनकी जगह सरकारी अधिकारियों को जगह दी है. इन दोनों सदस्यों पर आरोप है कि उन्होंने अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली DISCOMS के बोर्ड में निजी प्रतिनिधियों के साथ सहयोग किया और दिल्ली सरकार को 8 हजार करोड़ का लाभ पहुंचाया. बता दें कि दिल्ली ट्रांसको, जिसे अब डिस्कॉम के रूप में जाना जाता है. तत्कालीन सीएम शीला दीक्षित ने अपने कार्यकाल ने यह फैसला किया था कि डिस्कॉम में सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. इसमें वित्त सचिव, ऊर्जा सचिव और एमडी भी होंगे.

उपराज्यपाल के आदेश के मुताबिक वित्त सचिव, ऊर्जा सचिव और दिल्ली ट्रांसको के एमडी अब इन डिस्कॉम के अस्तित्व में आने के बाद अंबानी और टाटा के स्वामित्व वाले डिस्कॉम पर सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे. आप ने उपराज्यपाल के इस आदेश को ‘असंवैधानिक और अवैध’ कहा है, यह कहते हुए कि केवल निर्वाचित सरकार के पास बिजली पर आदेश जारी करने की शक्ति है. पार्टी ने कहा कि उपराज्यपाल ने संविधान का मजाक बनाया है.









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