सीएम केजरीवाल जेल से बाहर आने के बाद क्या- करेंगे-क्या नहीं, जानिए

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 1 जून तक अंतरिम जमानत दे दी. 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद केजरीवाल वर्तमान में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. वह कल तक जेल से बाहर आ सकते हैं और उन्हें 2 जून तक जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया है. इसी बीच चलिए जानते हैं कि, सीएम केजरीवाल जेल से बाहर आने के बाद क्या-क्या करेंगे. वहीं उनपर किन-किन चीजों की रोक रहेगी.

हालांकि अभी तक सीएम केजरीवाल के शेड्यूल कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है, मगर बताया जा रहा है कि, केजरीवाल देश में जारी लोकसभा चुनाव 2024 में अपनी पार्टी आम आदमी पार्टी के प्रचार प्रसार में जुट जाएंगे. बता दें कि, आगामी 25 मई को दिल्ली के सभी 7 लोकसभा सीट पर चुनाव होना है, लिहाजा इसे लेकर सीएम केजरीवाल सक्रिय रहेंगे.

वहीं इसके साथ ही साथ, केजरीवाल प्रेस वार्ता भी कर सकते हैं. जिसमें वह लोकसभा चुनाव के मुद्दों के साथ-साथ दिल्ली शराब घोटालों के मुद्दे पर भी बात कर सकते हैं, साथ ही जेल के अपने अनुभवों पर भी चर्चा कर सकते हैं.

साथ ही सीएम केजरीवाल, अपने जेल में रहने के दौरान दिल्ली में सरकार द्वारा किए गए कार्यों का भी जायजा ले सकते हैं. हालांकि इसे लेकर भी कई कानून निर्धारित है.

जेल से बाहर आने के बाद क्या नहीं कर सकते केजरीवाल?
जेल से बाहर आने के बाद सीएम केजरीवाल पर कुछ चीजों को लेकर पाबंदी जरूर रहेगी. जैसे वह किसी भी सरकारी काम में हस्तक्षेप नहीं कर सकते. न ही किसी भी सरकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर सकते हैं. मसलन वो किसी भी तरह से सरकार चलाने में सक्षम नहीं रहेंगे. केवल चुनाव प्रचार में शरीक हो सकते हैं.

अंतरिम जमानत पर बाहर आने का क्या अर्थ है
अंतरिम जमानत पर बाहर आने का अर्थ होता है कि किसी व्यक्ति को किसी गंभीर कानूनी मामले में जेल में रहते हुए उसकी पूर्व-निर्धारित समय सीमा से पहले अदालत द्वारा अनुमति दी जाती है ताकि वह अपील या अन्य कानूनी प्रक्रिया के दौरान अपने वकील के साथ गुजार सके. इसे अंतरिम जमानत कहा जाता है.

यह एक विशेष कानूनी प्रक्रिया होती है जिसे अक्सर उस समय दिया जाता है जब किसी व्यक्ति का अपील या अदालती प्रक्रिया के दौरान निर्धारित होता है. इस अनुमति के अंतर्गत, व्यक्ति को अपने घर या किसी अन्य स्थान पर जाने की अनुमति मिलती है, लेकिन उसे निश्चित नियमों और शर्तों का पालन करना पड़ता है. अंतरिम जमानत का मकसद यह होता है कि अदालती प्रक्रिया के दौरान उस व्यक्ति को न्याय मिल सके और उसके अधिकारों का सम्मान किया जा सके, जब तक कि उसकी दोषपूर्णता प्रमाणित न हो जाए.



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