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पंजाब में एक बार फिर चला केजरीवाल का जादू, 24 साल बाद कांग्रेस के जालंधर ‘किले’ पर आप का कब्जा

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पंजाब में एक बार फिर केजरीवाल का जादू चल गया है. विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत दर्ज करने वाली आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर पंजाब में अपना जादू दिखाया है. कांग्रेस, बीजेपी, अकाली-बसपा गठबंधन को मात देते हुए आप प्रत्याशी सुशील कुमार रिंकू ने 58647 वोटों से जीत दर्ज की है.

मतगणना शुरू होने के बाद से ही सुशील रिंकू लगातार आगे चल रहे थे. कांग्रेस का किला माने जाने वाले जालंधर में पार्टी की बुरी हार हुई है. 1999 से जालंधर सीट पर कांग्रेस का कब्जा था. 24 वर्ष बाद आज कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा.

आम आदमी पार्टी की रणनीति के आगे सभी पार्टियां आज ढेर होती नजर आई हैं. आम आदमी पार्टी ने जालंधर लोकसभा सीट पर उपचुनाव को जीतने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगा दिया था. पंजाब सरकार के कई कैबिनेट मंत्रियों से लेकर खुद सीएम भगवंत मान भी यहां लगातार डेरा जमाए हुए थे. चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों में आप संयोजक अरविंद केजरीवाल और सीएम भगवंत मान के रोड शो के जरिए लोगों से वोट की अपील की और वो लोगों को अपनी पार्टी की तरफ रिझाने में कामयाब हुए.

जालंधर लोकसभा सीट पर इस बार कांग्रेस का सिक्का नहीं चल पाया. लगभग 2 दशक से जालंधर के किले पर कब्जा करके बैठी कांग्रेस को इस बार आप ने बाहर का रास्ता दिखाया. दिवंगत कांग्रेस सांसद संतोख सिंह चौधरी की की पत्नी करमजीत कौर पर लोगों ने विश्वास नहीं जताया. कांग्रेस की हार का एक बड़ा कारण यह भी माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान ने इस उपचुनाव में जरा भी रुचि नहीं दिखाई, कोई बड़ा नेता चुनाव प्रचार के लिए नहीं आया.

बीजेपी ने जालंधर लोकसभा सीट पर उपचुनाव में अपनी सारी ताकत झोंक दी थी. गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी से लेकर बीजेपी उपाध्यक्ष सौदान सिंह व यूपी के पूर्व मंत्री मोहिंदर सिंह की रणनीति भी इस चुनाव में धरी रह गई. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, हरदीप पुरी, जितेंद्र सिंह, स्मृति ईरानी, गजेंद्र शेखावत जैसे बड़े चेहरों को इस उपचुनाव में कोई फायदा नहीं मिला.

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