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गांधी परिवार पर पहली बार नहीं चला कोर्ट का डंडा, राहुल से पहले दादी इंदिरा गांधी की भी जा चुकी है सदस्यता

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कल तक जो राहुल गांधी सांसद थे, संसद में मोदी सरकार का खिलाफ मोर्चा खोल रखे थे, वो आज अयोग्य हो गए हैं, कारण कोर्ट का एक आदेश, जिसमें राहुल गांधी को दो साल की सजा हो गई और उसके तुरंत एक दिन बाद यानि कि शुक्रवार को राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई. अब राहुल गांधी सांसद नहीं रहे, यानि कि संसद में भी उनकी एंट्री बंद हो गई.

ऐसा नहीं है कि गांधी परिवार में यह पहली बार हुआ है, जब किसी सदस्य की सदस्यता चली गई हो. राहुल गांधी की दादी और देश की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की सदस्यता भी कोर्ट के आदेश के बाद रद्द हो गई थी. तब इंदिरा गांधी पर चुनाव में धांधली का आरोप लगा था. जिस पर कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी थी.

कहानी इमरजेंसी से पहले की है. 1971 में देश का पांचवां लोकसभा चुनाव हुआ था. इंदिरा गांधी राय बरेली से चुनावी मैदान में थीं, यानि जहां से आज सोनिया गांधी सांसद हैं. इंदिरा के सामने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से राजनारायण चुनावी मैदान में थे. राजनारायण अपनी जीत को लेकर काफी आश्वस्त थे. यहां तक कि रिजल्ट से पहले ही उन्होंने जीत की रैली भी कर दी थी, लेकिन जब चुनाव परिणाम आया तो राजनारायण 1 लाख से भी ज्यादा वोटों से हार गए.

जिसके बाद राजनारायण इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गए. वहां उन्होंने इंदिरा पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए दावा किया कि इंदिरा गांधी ने सरकार मशीनरी का उपयोग चुनाव जीतने में किया है. राजनारायण ने कई आरोप लगाए थे, जिसमें से दो को छोड़कर बाकी सभी खारिज हो गए. कोर्ट ने पाया कि इंदिरा गांधी के खिलाफ लगे दो आरोप: एक- सरकार की मदद से स्टेज, लाउडस्पीकर लगवाना, दो- गजेटेड अफसर को चुनावी एजेंट बनाना; सही है. जिसके बाद 12 जून 1975 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द कर दिया, साथ ही 6 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद इंदिरा गांधी सुप्रीम कोर्ट गईं. वहां से उन्हें राहत तो मिली, लेकिन पूरी तरह नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले पर स्टे लगाते हुए उन्हें पीएम पद पर बने रहने की अनुमति दी. संसद में जाने की भी अनुमति मिली, लेकिन संसद में मतदान करने से रोक दिया. 24 जून को सुप्रीम कोर्ट से ये फैसला आया और 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी की घोषणा कर दी.

तब के और आज के कांग्रेस में काफी फर्क है. इंदिरा की लोकप्रियता तब काफी थी, एक दौर था जब इंदिरा इज इंडिया और इंडिया इज इंदिरा का नारा लगा करता था. आज कांग्रेस लोकप्रियता के मामले में भाजपा के मुकाबले काफी पीछे है. जिससे उसका सीधा मुकाबला है. राहुल गांधी के सामने नरेंद्र मोदी जैसे नेता हैं, जिनकी आज की तारीख में जनता के बीच लोकप्रियता इतनी ज्यादा है कि उसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है.

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