मंगलवार दोपहर उत्तरकाशी के धराली में कुदरत का कहर देखने को मिला. अचानक से आए सैलाब में कई घर, दुकानें और होटल बह गए. इसके साथ ही कई लोगों की मौत हो गई. जबकि 50 से ज्यादा लोग लापता हो गए. इलाके में अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. क्योंकि लापता लोगों में से कुछ लोगों का अभी तक कुछ पता नहीं चला है. इस बीच जानकारी सामने आई है कि उत्तरकाशी में आई जलप्रलय के बाद से गंगोत्री धाम की यात्रा पर आए करीब 500 तीर्थयात्रियों से संपर्क नहीं हो पाया है. जिनकी तलाश की जा रही है.
दरअसल, आपदा कंट्रोल रूम उत्तरकाशी को मंगलवार देर रात सूचना मिली कि गंगोत्री धाम की यात्रा पर आए विभिन्न राज्यों के करीब 500 तीर्थयात्रियों से संपर्क नहीं हो पा रहा है. इन तीर्थयात्रियों में करीब 64 लोग मुंबई और कर्नाटक के रहने वाले हैं. इस बीच आपदा कंट्रोल रूम ने कहा कि कनेक्टिविटी बहाल होने पर उन लोगों से संपर्क होने की उम्मीद है. वहीं प्रतापनगर टिहरी गढ़वाल के विधायक विक्रम सिंह नेगी ने कहा है कि उत्तरकाशी और गंगोत्री के बीच फंसे महाराष्ट्र के 24 तीर्थयात्रियों से संपर्क नहीं हो पाया है. उन्होंने बताया कि यह जानकारी उन्हें उनके महाराष्ट्र निवासी मित्र शेखर चौधरी ने दी है.
उधर सैलाब के बाद मलबे से पटे उत्तरकाशी के धराली में अभी भी लापता लोगों की तलाश की जा रही है. जिदगियों की तलाश के लिए खोजी कुत्तों के साथ ही ड्रोन सर्वे की भी मदद ली जा रही है. साथ ही बचाव कार्य में जुटीं सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और आइटीबीपी की टीमों भी पूरी ताकत के साथ लापता लोगों को खोज रही हैं.
वहीं उत्तरकाशी में लापता लोगों की तलाश की जा रही है. बचाव कर्मियों ने अब तक 13 लोगों को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया है. इनमें सेना के रेस्क्यू के दौरान घायल होने वाले 11 जवानों के अलावा 2 स्थानीय नागरिक भी शामिल हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 2 मृतकों के शव भी बरामद किए गए हैं. इनमें से एक शख्स की पहचान कर ली गई है.