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‘बागेश्वर पंडित की विवादित टिप्पणी पर AIMIM ने किया पलटवार-‘साईं भगवान नहीं, गीदड़ की खाल पहनकर कोई…’

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बागेश्‍वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्‍त्री

साईं बाबा को लेकर दिए विवादित बयान के बाद से बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चर्चा एक बार फिर पूरे देश में हो रही है. उन्होंने कहा था कि साईं संत हो सकते हैं, फकीर हो सकते हैं, लेकिन भगवान नहीं हो सकते. इस बयान का अब जमकर विरोध किया जा रहा है. आम जनता से लेकर राजनेता तक इस विवाद में कूद पड़े हैं.

महाराष्ट्र के औरंगाबाद से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद इम्तियाज जलील ने भी साईं बाबा विवाद पर बयान देते हुए कहा, ‘साईं बाबा के करोड़ों भक्त हैं. उनको लेकर इस तरह के शब्दों के इस्तेमाल से बचना चाहिए. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए. ऐसे कई बाबा चर्चा में बने रहते है. इन बाबाओं का भविष्य में क्या होता है वह सभी को पता है.’

वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा साईं बाबा को लेकर दिए गए विवादित बयान पर शिंदे-फडणवीस सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि महाराष्ट्र में सभी को महापुरुषों के अपमान करने के लिए आमंत्रण दिया जा रहा है. शिंदे-फडणवीस सरकार ने यह साफ कर दिया है कि आपको महाराष्ट्र में जो बोलना है… जिसके बारे में बोलना है… वो आप बोल सकते हैं. हम आपको कुछ नहीं कहेंगे. हम नपुंसक हैं. आपको कुछ नहीं करेंगे. जिन्होंने बागेश्वर बाबा को यहां बुलाया था वह अब साईं बाबा के विषय में अपना रुख साफ करें. साईं बाबा को लेकर इस तरह के विवादित बयान देने वाला यह दूसरा व्यक्ति है. इससे पहले आचार्य शंकराचार्य नाम से किसी व्यक्ति ने साईं बाबा को लेकर विवादित टिप्पणी की थी.’

बागेश्वर दरबार में आए डॉक्टर शैलेंद्र राजपूत नाम के एक भक्त ने कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री से पूछा था कि, ‘बहुत सारे लोग हमारे देश में साईं भक्त हैं. लेकिन सनातन धर्म साईं की पूजा को नकारता सा दिखता है. जबकि साईं की पूजा सनातन पद्धति से ही होती है. तो आप इस पर प्रकाश डालें’. इस सवाल के जवाब में बागेश्वर धाम सरकार ने कहा था कि, ‘हमारे धर्म के शंकराचार्य जी ने साईं बाबा को देवताओं का स्थान नहीं दिया. शंकराचार्य की बात मानना हर सनातनी का धर्म है क्योंकि वो अपने धर्म के प्रधानमंत्री हैं. और कोई संत चाहे वो हमारे धर्म के तुलसीदास हों या सूरदास हों, वो संत हैं… भगवान नहीं हैं.

बाकी सबकी अपनी आस्था है. पर इतना कह सकते हैं कि साईं बाबा संत हो सकते हैं, लेकिन भगवान नहीं हैं. अब आपने कहा कि वैदिक धर्म से उनकी पूजा होती है तो देखो भाई, गिदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं बन सकता. भगवान भगवान हैं और संत संत हैं. साईं के प्रति मेरा क्या आदर है इसमें आप मत पड़ना.’








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