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उत्तराखंड में चारों धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने की तिथि घोषित

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Uttarakhand Political News
चारधाम

उत्तराखंड में चारों धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने का ऐलान कर दिया गया है. इसी कड़ी में चमोली जिले स्थित बद्रीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर की शनिवार शाम 3 बजकर 35 मिनट पर विधि-विधान से बंद कर दिए जाएंगे. विजयदशमी के पावन पर्व पर आज इसका ऐलान हुआ है.

कपाट बंद की तिथि घोषित होने के दौरान मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल मौजूद रहे. इस साल भगवान बद्री विशाल की कपाट 8 मई से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे. अब तक लगभग 14 लाख से ज्यादा श्रद्धालु भगवान बद्री विशाल के दर्शन कर चुके हैं.

आपको बता दें कि इस दिवाली के अवसर पर गंगोत्री धाम के कपाट भी बंद हो जाएंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 26 अक्टूबर को अन्नकूट के अवसर पर 12 बजकर 01 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे. इसके साथ ही 27 अक्टूबर को दिवाली पर्व की भाई दूज पर रुद्रप्रयाग जिले स्थित केदारनाथ और उत्तरकाशी जिले स्थित यमुनोत्री धामी के कपाट भी श्रद्घालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे. यह जानकारी बुधवार को तीर्थ पुरोहितों द्वारा दशहरे पर्व पर दी गई है.

तीन अक्टूबर तक 38 लाख से ज्यादा पहुंचे श्रद्धालु
मालूम हो कि इस साल बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धामों में तेज बारिश और लैंडस्लाइड के बावजूद भक्तों का तांता लगा रहा. अब तक करीब 38 लाख से ज्यादा तीर्थ यात्री मत्था टेकने इन धामों में पहुंचे हैं. अगर हम आंकड़ों की बात करें तो, तीन अक्टूबर तक बद्रीनाथ धाम में 14 लाख 43 हजार 174 तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किए, जबकि केदारनाथ धाम में 13 लाख 23 हजार 949 श्रद्धालु दर्शन किए हैं. इसके साथ ही यमुनोत्री में 4 लाख 56 हजार 885 और गंगोत्री धाम में 5 लाख 80 हजार 170 तीर्थ यात्रियों ने मत्था टेका है.

10 अक्टूबर से बंद हो जाएंगे हेमकुंड साहिब के कपाट
उधर, सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल हेमकुंड में भारी बर्फबारी के आसार हैं. मौसम भी करवट लेगा. मौसम के सूत्रों के मुताबिक, बद्रीनाथ धाम की ऊंची चोटियों हो रही बर्फबारी के चलते इस बार कड़ाके की ठंड पड़ेगी. ऐसे में हेमकुंड साहिब के कपाट भी 10 अक्टूबर को बंद हो जाएंगे. हेमकुंड साहिब की यात्रा इस साल 22 मई से शुरू की गई थी. बीती 7 सितंबर तक लगभग 2 लाख 15 हजार श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारा साहिब के दरबार में मत्था टेका है.

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