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सीएम धामी ने किया पूर्व आईएएस की किताब का विमोचन, उत्तराखंड के इन 44 मंदिरों का है जिक्र

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सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आराधना जौहरी (से.नि. आई.ए.एस.) द्वारा उत्तराखण्ड के मंदिरों पर लिखी गई पुस्तक ‘BEYOND THE MISTY VEIL, Temple Tales OF Uttarakhand’ का विमोचन किया. कार्यक्रम का आयोजन सीएम कैम्प कार्यालय देहरादून स्थित मुख्य सेवक सदन में किया गया.

सीएम ने पुस्तक की लेखिका आराधना जौहरी को बधाई देते हुए कहा कि यह पुस्तक देश-विदेश में उत्तराखंड के दिव्य मंदिरों के एक प्रामाणिक परिचय के रूप में जानी जाएगी. इस पुस्तक से लोगों को बेहतरीन जानकारी मिलेगी. पुस्तक की सामग्री से जाहिर होता है कि लेखिका ने इसमें कितनी मेहनत की है.

देवभूमि उत्तराखण्ड के पौराणिक मंदिरों पर आधारित पुस्तक हमें अपनी संस्कृति और माइथोलॉजी के बारे में अवगत कराती है. लेखिका आराधना जौहरी ने अपने सेवाकाल में बतौर नैनीताल डीएम बहुत से विशिष्ट कार्य किये. अब पुस्तक लेखन द्वारा योगदान दे रही हैं.

सीएम ने कहा कि इस पुस्तक से उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. लोगों को अनगिनत मंदिरों और उनसे जुड़ी लोक गाथाओं के बारे में पता चलेगा. सीएम ने कहा कि सरकार विभिन्न क्षेत्रों में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु मानसखंड कॉरिडोर पर कार्य कर रही है.

प्रयास है कि विभिन्न धार्मिक सर्किटों का विकास किया जा सके. चारधाम के अलावा भी धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए. उन्होंने कहा इसके तहत हम राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में आने वाले मुख्य मंदिरों को आपस में जोड़ेंगे एवं सर्किट के रूप में विकसित करके धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देंगे.

सीएम ने कहा कि हमें अपने जीवन में विशिष्ट कार्य कर अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए, जिससे हम समाज में अपनी अलग पहचान बना सकें. सीएम ने कहा कि हमें देवभूमि उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है. इसके लिये सभी विभागों को रोडमैप तैयार करने को कहा गया है. सभी को मिलकर अपना योगदान करना है.

पुस्तक की लेखिका आराधना जौहरी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में उन्होंने शिक्षा प्रारंभ की. उनके पिताजी नैनीताल के डीएम रहे. फिर 30 साल बाद वे स्वयं यहाँ की डीएम रहीं. देवभूमि को सेवाएं देना सौभाग्य की बात है.

उन्होंने कहा नैनीताल में पोस्टिंग के दौरान देवभूमि की संस्कृति यहां के मंदिरों लोक देवताओं को करीब से जानने का मौका मिला. वे स्वयं मंदिरों तक गई और वहां की तमाम जानकारियां पुस्तक में देने की कोशिश की है. उनकी यात्रा उतनी ही सुन्दर रही जितनी सुंदर मंजिल थी.

यहां का स्थापत्य, इतिहास, लोकगाथाएं, माइथोलॉजी अद्भुत है. एक पुस्तक में इतनी बातों को समेटना आसान नहीं था. तीन सौ पृष्ठ की पुस्तक में तीन वर्ष तक शोध किया. उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य में चारधाम के अतिरिक्त भी धार्मिक पर्यटन की अपार संभावना है. यह पुस्तक इसमें सहायक होगी.

इन धार्मिक स्थलों का है वर्णन
पुस्तक की लेखिका आराधना जौहरी ने अपनी किताब में चारधाम यात्रा, ॐ पर्वत, जागेश्वर धाम, गोरक्षनाथ मंदिर, न्याय के देवता चितई गोलू, हरिद्वार हरकी पैड़ी, काली मठ, तुंगनाथ, रुद्रनाथ मंदिर, मध्यमहेश्वर, कल्पेश्वर, मुंडकटिया, त्रिजुगीनारायण, नीलकंठ महादेव मंदिर, नंदा देवी नंदा राज जात यात्रा, नंदा एवं सुनंदा, सिखों के पवित्र स्थल हेमकुंड साहिब महासू देवता बंसी नारायण मंदिर लोकपाल, लक्ष्मण मंदिर बैजनाथ मंदिर समेत करीब 44 धार्मिक स्थलों का विस्तृत वर्णन किया गया है.

बता दें कि आराधना जोहरी नैनीताल डीएम से लेकर उत्तर प्रदेश में कई पदों पर रहने के साथ-साथ भारत सरकार में अहम पदों पर तैनात रह चुकी हैं. इस पुस्तक की खास बात यह है कि आराधना जौहरी ने उत्तराखंड में जिलेवार मंदिरों शिवालयों में जाकर निरीक्षण कर वहां के मंदिर के साथ ही संत और पहाड़ के रक्षक देवी-देवताओं का जिक्र तर्क के साथ किया है.


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