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माता-पिता के बाद शिक्षकों पर बच्चों के भविष्य को बनाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है: सीएम धामी

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मंगलवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी रोड देहरादून स्थित पेस्टल वीड स्कूल में प्रिंसिपल्स प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित International Conference of Principals & Teachers कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षकों को सम्मानित भी किया.

सीएम ने कहा कि शिक्षकों की समाज के निर्माण में अहम भूमिका होती है. माता-पिता के बाद शिक्षकों पर बच्चों के भविष्य को बनाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है. शिक्षक युग दृष्टा ऋषियों के समान हैं, जो समाज को प्रबुद्ध बनाने के लिए निरंतर कार्य करते हैं.

सीएम ने कहा कि प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को आत्मनिरीक्षण द्वारा स्वयं को जानने और समझने योग्य बनाना रहा है. विद्यार्थी के लिए आत्म साक्षात्कार अत्यंत आवश्यक है. तभी प्रतिभा का सदुपयोग हो सकता है.

उन्होंने कहा कि पीपीएसए द्वारा शिक्षार्थियों की प्रतिभा को उभारने के लिए सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं. पी.पी.एस.ए. प्रौद्योगिकी, कौशल और स्कूली पाठ्यक्रम पर खुली और रचनात्मक चर्चा द्वारा विचारों के आदान-प्रदान हेतु एक आदर्श वातावरण प्रदान कर रहा है. पीपीएसए द्वारा प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए पब्लिक स्कूलों और सरकारी स्कूलों के मध्य सहयोग बढ़ाने में भी सरकार को समय समय पर अपना सहयोग प्रदान किया गया है.

सीएम ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में आज भारत हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है. वैश्विक स्तर पर भारत का मान, सम्मान एवं स्वाभिमान बढ़ा है. भारत दुनिया को हर क्षेत्र में अपने सामर्थ्य का परिचय दे रहा है. प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत, विश्वगुरु के रूप में पुनः स्थापित हो रहा है तथा दुनिया का मार्गदर्शन कर रहा है.

उनकी दूरगामी सोच से देश को 34 वर्षों बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मिली है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास की दिशा में ध्यान दिया जा रहा है. पीपीएसए द्वारा शिक्षार्थियों के जीवन को उन्नति के प्रकाश से आलोकित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को नई शिक्षा नीति को सही प्रकार से लागू करने हेतु समय समय पर महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए जाते रहे हैं.

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का राज्य में सही तरीके से क्रियान्वयन हो इस उद्देश्य से दो दिवसीय कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है. इसमें विशेषज्ञों द्वारा प्रधानाचार्यों एवं अध्यापकों को नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन हेतु विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी जायेगी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बना है.

उत्तराखण्ड में बाल वाटिकाओं से राष्ट्रीय शिक्षा नीति का शुभारंभ किया गया. उच्च शिक्षा में भी राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जा चुकी है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शैक्षिक गतिविधियों के लिए प्रदेश के सभी अध्यापकों को डायट के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है. अभी तक 27 हजार से अधिक अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया चुका है.

इस अवसर पर पीपीएसए के अध्यक्ष डॉ. प्रेम कश्यप, दून इंटरनेशनल स्कूल के चैयरमैन डी.एस. मान, लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि) जयवीर सिंह नेगी, मेजर जनरल(से.नि) शम्मी सभरवाल, रीजनल ऑफिसर सीबीएसई डॉ. रणवीर सिंह, राकेश ओबेराय एवं विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्य एवं अध्यापक उपस्थित थे.

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