Home उत्‍तराखंड गणतंत्र दिवस पर ऋषभ पंत की जान बचाने वाले हरियाणा रोडवेज के...

गणतंत्र दिवस पर ऋषभ पंत की जान बचाने वाले हरियाणा रोडवेज के चालक-परिचालक सम्मानित

0

क्रिकेटर ऋषक्ष पंत की जान बचाने वाले हरियाणा रोडवेज के चालक-परिचालक को गणतंत्र दिवस के मौके पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी द्वारा सम्मानित किया गया. चालक सुशील कुमार की पत्नी रितु और परिचालक परमजीत के पिता ने उनके जगह सीएम धामी के हाथों यह सम्मान ग्रहण किया.

बता दें कि चालक-परिचालक के अलावा बस में सवार दो यात्रियों निशु व रजत को भी क्रिकेटर की मदद करने के लिए सम्मानित किया गया है. बता दें कि दोनों चालक-परिचालक पानीपत डिपो में तैनात हैं और हरियाणा के करनाल जिले के रहने वाले हैं.

गौरतलब है कि बीती 30 दिसंबर को क्रिकेटर ऋषभ पंत की कार का एक्सीडेंट हो गया था. पंत को सिर और घुटने में गंभीर चोटें आईं थी. इसके अलावा उनकी पीठ और पैर के कुछ हिस्सों में भी चोट आई थी. पंत का यह एक्सीडेंट रुड़की के पास मोहम्मदपुर जाट एरिया में हुआ था.

इस हादसे के बाद हरियाणा रोडवेज के एक बस ड्राइवर और कंडक्टर ने मसीहा बनकर ऋषभ पंत की जान बचाई थी. ड्राइवर ने सबसे पहले बस रोककर ऋषभ पंत को कार से दूर किया और उसके बाद मौके पर एंबुलेंस व पुलिस को फोन कर उन्हें अस्पताल पहुंचाने में मदद की थी.

यह पता लगने के बाद हरियाणा के परिवहन मंत्री ने रोडवेज चालक व परिचालक को सम्मानित करने का फैसला लिया था. वहीं आज गणतंत्र दिवस के मौके पर उत्तराखंड के सीएम द्वारा भी चालक-परिचालक को मानवता का धर्म निभाने के लिए सम्मानित किया गया है.

चालक सुशील कुमार ने बताया था कि वे बस लेकर हरिद्वार से पानीपत आ रहे थे। नारसन से 200 मीटर पहले दिल्ली की तरफ से आ रही एक कार डिवाइडर से टकरा गई। उन्होंने बताया कि डिवाइडर से टकराने के बाद वह कार हरिद्वार वाली लाइन पर आ गई.

चालक ने बताया कि उन्होंने तुरंत बस को सर्विस लाइन से हटाकर फर्स्ट लाइन में डाल दिया. ऐसा करने से गाड़ी और बस में टक्कर होने से बच गई. इसके बाद उन्होंने बस से बाहर निकल कर देखा कि एक आदमी जमीन पर पड़ा था. उस समय चालक को यह नहीं पता था कि यह ऋषभ पंत है.

सुशील कुमार ने बताया कि ऋषभ की हालत देखकर लगा था कि उनकी जान नहीं बचेगी. कार में चिंगारियां निकल रही थी. चालक ने बताया कि सबसे पहले हमने उसे उठाकर कार से दूर किया. चालक के पूछने पर उसने बताया कि मैं ऋषभ पंत हूं, हालांकि क्रिकेट को लेकर जानकारी न होने के चलते बस चालक को तब भी यह पता नहीं चला कि वह क्रिकेटर है. चालक ने बताया कि उन्होंने ऋषभ पंत के शरीर को अपनी चादर में लपेटा और एंबुलेंस को फोन किया.









NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version