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27 अक्टूबर को बंद होंगे केदारनाथ-गंगोत्री धाम के कपाट, जानिए बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि

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केदारनाथ धाम

देहरादून| उत्तराखंड की मशहूर चार धाम यात्रा 2022 का समापन होने जा रहा है. शुरुआत गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने से होगी. बुधवार को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होंगे. दोपहर 12 बजकर 1 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट को बंद किया जाएगा.

ठंडी के मौसम को देखने के लिए कपाट बंदी की पूरी तैयारी कर ली गई है. वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट गुरुवार यानी 27 अक्टूबर को बंद होंगे. गुरुवार को ही यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद किए जाएंगे.

सबसे आखिर में 19 नवंबर को बदरीनाथ धाम का कपाट बंद किया जाएगा. शीतकाल के दौरान यात्रा की दुर्गम्यता को लेकर कपाट बंद किए जाते हैं. हालांकि, कपाट की बंदी को लेकर विधि-विधान की भी अपनी मान्यताएं हैं.

चार धाम की यात्रा के समापन को लेकर दशहरे के मौके पर कपाट बंदी की तिथियों का ऐलान होता है। इसके लिए मुहुर्त के अनुसार तिथि और समय तय किए जाने की परंपरा रही है। इसी के आधार पर निर्धारित तिथियों पर चारों घाम के कपाट बंद किए जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

गंगोत्री धाम में कपाट बंद किए जाने को लेकर पूजा-अर्चना शुरू हो गई है. गोवर्द्धन पूजा के बाद निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, दोपहर 12 बजकर 1 मिनट पर कपाट को बंद कर दिया जाएगा. इसके बाद यहां पर श्रद्धालुओं का आना-जाना बंद हो जाएगा. अभिजीत मुहुर्त में गुरुवार को यमुनोत्री धाम के कपाट को बंद किया जाएगा. श्री हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण मंदिर के कपाट 10 अक्टूबर को बंद हो चुके हैं.

केदारनाथ धाम के कपाट गुरुवार 27 अक्टूबर को बंद किए जाएंगे. दिवाली से पहले पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ धाम के दर्शन और पूजन कर चुके हैं. गुरुवार को कपाट बंद होने को लेकर जारी पूजन की परंपरा को आरंभ कर दिया गया है. 27 अक्टूबर को सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर मंदिर के कपाट को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बंद कर दिया जाएगा. भैया दूज के मौके पर केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो रहे हैं.

बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे। विजयादशमी के दिन धाम के कपाट बंद होने की तिथि की घोषणा की गई थी. पीएम नरेंद्र मोदी केदारनाथ धाम का दर्शन करने के बाद बदरीनाथ धाम भी पहुंचे थे. वहां चल रहे विकास कार्यों का जायजा लिया. बदरीनाथ धाम में कपाट बंद होने की प्रक्रिया की शुरुआत 15 नवंबर को पंच पूजा के साथ होगी. इसी दिन शाम को श्रीगणेश जी के कपाट बंद होंगे. 16 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे. 17 नवंबर को खड्ग पुस्तक पूजन और वेद ऋचाओं का पाठ बंद होगा.

चार धाम की यात्रा 3 मई से शुरू हुई थी. इस दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जाने के साथ चार धाम की यात्रा शुरू की गई थी. अक्षय तृतीया के मौके पर अभिजीत मुहुर्त में 12 बजकर 15 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए थे. वहीं, गंगोत्री धाम के कपाट सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर खोले गए थे. केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई को सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर खोले गए. वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट 8 मई को सुबह 6 बजकर 15 मिनट खोले गए थे.

केदारनाथ धाम में इस बार दिवाली से पहले तक रिकॉर्ड 15 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे. केदारनाथ धाम के लिए रोजाना 12 हजार और बदरीनाथ धाम के लिए 15 हजार तीर्थयात्रियों का कोटा तैयार किया गया था, लेकिन इससे कहीं अधिक श्रद्धालुओं ने रोजाना इन दोनों धामों पर दर्शन और पूजन किया. गंगोत्री धाम के लिए 7 हजार और यमुनोत्री धाम के लिए 4 हजार तीर्थयात्रियों का दैनिक कोटा निर्धारित किया गया था.

18 नवंबर को लक्ष्मी माता को कढ़ाई भोग लगाया जाएगा. 19 नवंबर को श्री उद्धवजी और भगवान कुबेर को मंदिर प्रांगण में रखा जाएगा. माता लक्ष्मी को रावलजी स्त्री वेश में श्री बदरी विशाल के नजदीक स्थापित किया जाएगा. 19 नवंबर को शाम 3 बजकर 35 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट को बंद किया जाएगा.

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