लोकसभा चुनाव 2024: नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट से जिस पार्टी का जीता सांसद, उसकी ही बनती है केंद्र में सरकार

आगामी लोकसभा चुनाव के परिणाम भले ही चार जून को पता चलेंगे लेकिन केंद्र में किसकी सरकार बनेगी इसके संकेत आगामी 19 अप्रैल को ही मिल जाएंगे. दरअसल, नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर मतदान से संभावित विजेता का कयास लगाया जा सकेगा. वजह यह है कि इस सीट के आज तक के चुनावी इतिहास में सिर्फ दो अपवाद छोड़ दिए जाएं तो जिस दल का भी प्रत्याशी विजेता रहा केंद्र में उसी दल की सरकार बनी है.

इनमें कांग्रेस, भाजपा, जनता पार्टी और जनता दल के विजेता प्रत्याशी शामिल हैं. इतिहास पर नजर डालने से स्थिति स्वयं ही साफ हो जाती है. 1952 और 57 के चुनावों में यहां से कांग्रेस के टिकट पर दिग्गज नेता गोविंद बल्लभ पंत के दामाद सीडी पांडे और फिर 1962, 67 और 71 के मध्यावधि चुनावों में गोविंद बल्लभ पंत के पुत्र केसी पंत कांग्रेस से ही लगातार तीन बार सांसद रहे. इन पांचों अवसरों पर केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी. पंत भारत के रक्षा मंत्री भी रहे. 1975 में इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए चुनावों में इस सीट से जनता पार्टी के भारत भूषण चुनाव जीते और केंद्र में जनता पार्टी की सरकार बनी.

1980 में हुए मध्यावधि चुनाव में एनडी तिवारी कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए और केंद्र में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी. तिवारी उस दौरान केंद्र में भारी उद्योग मंत्री रहे.1984 में इस सीट से कांग्रेस के सत्येन्द्र चंद्र गुड़िया जीते और केंद्र में कांग्रेस सरकार बनी जिसमें राजीव गांधी पीएम बने.

इसके बाद 1989 में जनता दल के टिकट पर महेंद्र सिंह पाल ने यहां से जीत दर्ज और केंद्र में गठबंधन सरकार में जनता दल के ही वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने.

लगभग चार दशक तक चली यह परंपरा 1991 में तब टूटी जब भाजपा के बलराज पासी ने एनडी तिवारी को पराजित कर यह सीट जीती और केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी.

1996 में फिर से एनडी तिवारी ने अपनी पार्टी, अखिल भारतीय इंदिरा कांग्रेस (तिवारी) के बैनर तले यह सीट जीती जो बाद में 32 दलों वाले उस गठबंधन का हिस्सा बनी जिससे मिलकर वाजपेयी के नेतृत्व में सरकार बनी. हालांकि यह सरकार जल्द ही गिर गई.

1998 में फिर से चुनाव हुए जिनमें भाजपा उम्मीदवार इला पंत इस सीट से निर्वाचित हुईं और भाजपा की ही सरकार बनी जिसमें वाजपेयी प्रधान मंत्री चुने गए.

1999 में फिर चुनाव हुए. इस बार कांग्रेस से एनडी तिवारी यहां से जीते जबकि केंद्र में वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी. एनडी तिवारी के उत्तराखंड (तब उत्तरांचल) के मुख्यमंत्री बनने पर 2002 में यहां उपचुनाव हुआ जिसमें कांग्रेस के टिकट पर महेंद्र सिंह पाल विजयी रहे और वही स्थिति बरकरार रही.

इसके बाद 2004 में कांग्रेस के टिकट पर केसी सिंह बाबा ने यह सीट जीती और केंद्र में कांग्रेस के मनमोहन सिंह के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनी. 2009 में फिर से केसी बाबा भाजपा उम्मीदवार बची सिंह रावत से विजयी रहे और कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए ने फिर से केंद्र में सरकार बनाई.

2014 में बीजेपी से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने दो बार के सांसद केसी सिंह बाबा को पराजित कर यह सीट भाजपा के नाम की और केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनी.

2019 में फिर यही कहानी दोहराई गई जब भाजपा के अजय भट्ट ने आज तक के इतिहास में सर्वाधिक वोटों के अंतर से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व सांसद हरीश रावत को पराजित किया और केंद्र में मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार भी दोबारा सत्ता में आई. इस तरह अब तक की कुल सत्रह लोकसभाओं में 15 बार केंद्र में उसी पार्टी की सरकार रही जिस का प्रत्याशी नैनीताल लोकसभा से विजयी रहा.

मुख्य समाचार

मुंबई एयरपोर्ट पर स्पाइसजेट के विमान की इमरजेंसी लैंडिंग

शुक्रवार को मुंबई एयरपोर्ट पर स्पाइसजेट के विमान...

दिल्ली हाईकोर्ट परिसर से नहीं मिली कोई संदिग्ध चीज

दिल्ली हाईकोर्ट में शुक्रवार सुबह बम की खबर मिलने...

Topics

More

    मुंबई एयरपोर्ट पर स्पाइसजेट के विमान की इमरजेंसी लैंडिंग

    शुक्रवार को मुंबई एयरपोर्ट पर स्पाइसजेट के विमान...

    दिल्ली हाईकोर्ट परिसर से नहीं मिली कोई संदिग्ध चीज

    दिल्ली हाईकोर्ट में शुक्रवार सुबह बम की खबर मिलने...

    Related Articles