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उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा, मदरसों में लागू हो एनसीईआरटी पाठ्यक्रम

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उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स

देहरादून| शुक्रवार को उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि हमें राज्य में मदरसों के आधुनिकीकरण पर लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. हम मदरसों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू करेंगे और समय स्कूलों जैसा होगा.

नए साल से उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अधीन राज्य में संचालित 103 मदरसे नए कलेवर में नजर आएंगे. बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स के अनुसार अंग्रेजी माध्यम वाले स्कूलों की तर्ज पर मदरसों में ड्रेस कोड तय किया जाएगा. उन्होंने बताया कि बोर्ड ने सात मदरसों को माडर्न बनाने का निश्चय किया है.

वक्‍फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स के बताया कि मदरसा अरेबिक शब्द है, जिसका अर्थ है स्कूल. इसे देखते हुए बोर्ड ने तय किया है कि मदरसों को स्‍कूलों की तर्ज पर ही संचालित किया जाए. उन्होंने बताया कि मदरसों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की भांति चलाया जाएगा. इसके लिए उत्तराखंड बोर्ड से मान्यता ली जाएगी.

शम्स ने बताया कि एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी. कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और समाज कल्याण मंत्री चंदन राम दास ने मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया है. इसके साथ ही मदरसों में संसाधन जुटाने के लिए सीएसआर फंड की मदद ली जाएगी.

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने बताया कि देहरादून, हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर जनपद में दो-दो और नैनीताल जिले में एक मदरसे को माडर्न मदरसा बनाने के लिए चयनित किया है. इन मदरसों में स्मार्ट कक्षाएं भी चलेंगी.

उन्होंने बताया कि बोर्ड ने हाफिज-ए-कुरान की पढ़ाई चार साल के बजाए 10 साल करने का निर्णय लिया है. तब तक यह पढ़ाई करने वाला बच्चा 10 अथवा 12वीं पास कर लेगा. इसके बाद उसके सामने विकल्प होगा कि वह दीनी शिक्षा में जाना चाहता है या फिर डाक्टर, इंजीनियर आदि बनना चाहता है.








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