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उत्तराखंड में प्रियंका गांधी की चुनावी जनसभा, केंद्र सरकार पर बोला जमकर हमला

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रामनगर| लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पहली बार कांग्रेस की ओर से कोई बड़ा चेहरा चुनावी प्रचार में नजर आया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आज नैनीताल जिले के रामनगर में पहुंचीं, जहां उन्होंने गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र की जनता को संबोधित किया और गढ़वाल से कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल के लिए वोट की अपील की.

प्रियंका गांधी कुमाऊंनी परिधान पिछौड़ा पहने नजर आईं. रामनगर के साथ अपना खास रिश्ता बताते हुए प्रियंका ने कहा कि उन्होंने अपने परिवार के साथ बहुत छुट्टियां यहां बिताई हैं. उनको जब भी मौका मिलता था तो पुरानी दिल्ली वाली ट्रेन से दोनों बच्चों को लेकर यहां आ जाती थीं. कॉर्बेट नेशनल पार्क क्षेत्र में वो रही हैं. वहां जंगल में छोटा सा बाबा सिद्धबली मंदिर है और 13 साल की उम्र से उस मंदिर से उनकी आस्था जुड़ी है. वो जब भी यहां आती थीं तो बिना उस मंदिर से माथा टेके नहीं जाती थीं.

अपने संबोधन की शुरुआत में प्रियंका ने वहां मौजूद लोगों से सवाल किया कि वो क्या सुनना चाहते हैं- राजनीतिक भाषण या सच्चाई? जवाब में सच्चाई सुनकर प्रियंका ने कहा कि बातचीत के जरिए वो जनता को सच्चाई सुनाएंगी. उन्होंने लोगों से अपील की कि चुनाव लोकतंत्र की सुंदरता होती है और 5 सालों में एक बार मौका मिलता है कि आप वोट से अपना भविष्य बदल सकते हैं.

प्रियंका ने कहा कि, यहां आने से पहले उन्होंने पीएम मोदी का हाल ही में ऋषिकेश रैली में दिया भाषण सुना, जिसे सुनकर उन्हें लगा कि ये तो 5 साल पुराना भाषण है. पीएम वही कह रहे थे जो बातें उन्होंने 5 साल पहले कही थीं. पीएम मोदी कहते हैं कि उत्तराखंड और हिमाचल को वो देवभूमि मानते हैं. इसलिए उनके मन में इस दो राज्यों के लिए खास जगह है लेकिन आपदा के समय जब हिमाचल को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी तो वो कहीं नहीं दिखे. आपदाग्रस्त हिमाचल में कांग्रेस का एक-एक नेता राहत कार्य में जुटा हुआ था.

लेकिन भाजपा का एक भी नेता वहां नहीं दिखा. यहां तक कि, जिस भूमि को वो देवभूमि कहते थे वहां के लोगों के लिए राहत का एक पैसा नहीं दिया. क्योंकि केंद्र सरकार देना नहीं चाह रही थी. हिमालय उनके लिए सिर्फ चुनाव के समय देवभूमि थी, जब आपदा के समय लोग संकट में थे तो वो देवभूमि नहीं रही.

प्रियंका गांधी ने बीजेपी और खासकर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की आदत बन गई है कि जब वो मंच पर आते हैं तो देवभूमि, धर्म जैसे शब्द बोलते हैं. लेकिन सच्चाई ये है हिंदू धर्म में आस्था का सबसे बड़ा प्रमाण त्याग होता है, सच्ची श्रद्धा तभी होती है जब त्याग कर सकें.

प्रियंका ने कहा कि उनके परिवार को बेहद बुरा भला कहा जाता है. लेकिन उन्होंने और उनके परिवार ने शहादत देखी है. 19 साल की उम्र में पिता की बिखरी हुई लाश देखी है. उनके शहीद पिता का अपमान किया जाता है लेकिन हम चुप रहते हैं क्योंकि इस देश में हमारी आस्था नहीं टूटती. हमारी श्रद्धा चुनावी भाषणों के लिए नहीं है.

प्रियंका ने वन रैंक वन पेंशन और सैनिकों के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि बीजेपी के भाषणों में सैनिकों को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं लेकिन ये वही हैं जो अग्निवीर लेकर आए. एक तरफ देश का नौजवान देशभक्ति की भावना से दौड़ लगाता है, वर्जिश करता है लेकिन केंद्र सरकार अग्निवीर जैसी योजना ले आती है और कहती है कि सेना में भर्ती केवल 4 सालों की होगी. इससे जितने भी नौजवान हैं जो हर प्रदेश में तैयारी कर रहे थे कि हम सरहद पर जाएंगे, देश की रक्षा करेंगे, लेकिन उनकी आशाएं टूट गईं.

प्रियंका ने देश की बेरोजगारी, महंगाई पर जोर देते हुए कहा कि सच्चाई ये है कि आज देश की जनता संघर्ष में है. युवा मेहनत से इम्तिहान देते हैं तो पेपर लीक हो जाता है, 20-20 लाख रुपए में नौकरियां बिक जाती हैं. प्रियंका ने सवाल किया कि ये घोटाले किसके राज में हो रहे हैं क्योंकि पिछले 10 सालों से तो कांग्रेस का राज नहीं है. बीजेपी की पूर्ण बहुमत सरकार रही है.

प्रियंका ने कहा कि, बीजेपी कहती है कि इस बार 400 पार लेकिन 10 सालों में इन्होंने क्या किया? ये कहते हैं बीते 75 सालों में कुछ नहीं हुआ, अगर कुछ नहीं हुआ होता तो उत्तराखंड में इतना हुनर कहां से आया, प्रदेश भर में कहां से आए आईआईटी-आईआईएम-एम्स कहां से आए.

बेरोजगारी के मुद्दे पर बोलते हुए प्रियंका ने कहा कि, उत्तराखंड राज्य की ये हालत है कि लोग रोजगार न होने के चलते यहां से पलायन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि दिल्ली में कुछ लोगों से उनकी बात हुई जो उत्तराखंड से पलायन करके वहां आए थे. जब उनसे पूछा गया कि घर कब जाते हो और वहां क्यों नहीं रहते तो उनका कहना था कि घर तो पहाड़ों में है लेकिन वहां नौकरी-रोजगार नहीं है.

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