ऋषिकेश: कुछ दिन पहले डूबे दो व्यक्तियों का नहीं लगा अभी तक सुराग, अब सोनार सिस्टम से की जा रही तलाश

ऋषिकेश में कुछ दिन पहले गंगा में डूबे दो व्यक्तियों की अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। एसडीआरएफ लगातार खोज और बचाव अभियान चला रही है, लेकिन गंगा के अत्यधिक ऊंचे जल स्तर के कारण खोज में कठिनाई आ रही है।

इस स्थिति से निपटने के लिए एसडीआरएफ ने अब सोनार सिस्टम का उपयोग करने का निर्णय लिया है ताकि गंगा में डूबे हुए व्यक्तियों को बेहतर तरीके से ढूंढा जा सके। इस नई तकनीक के माध्यम से अधिकारियों को उम्मीद है कि वे जल्द ही लापता लोगों का पता लगाने में सफल होंगे।

सोनार सिस्टम एक तकनीक है जो पानी के भीतर या सतह पर मौजूद वस्तुओं का पता लगाने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करती है। इस प्रणाली का उपयोग समुद्र के तल पर स्थित वस्तुओं की पहचान और मानचित्रण के लिए किया जाता है, साथ ही यह तेल और गैस पाइपलाइनों की निगरानी में भी सहायक होती है।

मछली पकड़ने में भी सोनार का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे मछलियों की स्थितियों को सटीक तरीके से ट्रैक किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, युद्ध के दौरान पनडुब्बियों का पता लगाने के लिए भी सोनार तकनीक का उपयोग किया जाता है, जिससे समुद्री सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।

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