उत्तराखंड में सैर सपाटे करने वालों के लिए अच्छी खबर है. काठगोदाम से नैनीताल जाने वालों को स्टेशन या बस स्टैंड पर उतर कर टैक्सी खोजने या उनकी मनमर्जी सहने की जरूरत नहीं पड़ेगी. वे कम खर्चे में और कम समय में नैनीताल जा सकेंगे. इस खास सुविधा के लिए पर्यटकों को बस थोड़ा इंतजार करना होगा. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय राहत देने जा रहा है.
एनएचएआई की रोपवे निर्माण कंपनी एनएचएलएमएल के सीईओ प्रकाश गौड़ बताते हैं कि सड़क परिवहन मंत्रालय के निर्देश में काठगोदाम से नैनीताल तक रोपवे का निर्माण किया जा रहा है. इसके निर्माण से न सिर्फ काठगोदाम से नैनीताल जाने वालों को राहत मिलेगी, बल्कि नैनीताल के लोगों को भी फायदा होगा.
इससे नैनाताल में पार्किंग की समस्या का समाधान हो जाएगा. लोग रोपवे से नैनीताल पहुंचेंगे. आपने वाहन काठगोदाम पर खड़ी करेंगे. इसी को ध्यान में रखते हुए यहां पर 2000 वाहनों की पार्किंग बनाई जा रही है. इसके साथ ही हजार से लेकर डेढ़ हजार वाहनों की पार्किंग काठगोदाम के होटलों और आसपास उपलब्ध होगी. इस तरह कुल मिलाकर 3500 वाहनों की पार्किंग उपलब्ध होगी. नैनीताल में 3500 वाहन कम पहुंचेंगे.
काठगोदाम से नैनीताल तक 14.9 किमी. लंबे रोपवे का निर्माण किया जा रहा है. इसके निर्माण के बाद सैलानियों का नैनीताल जाने आने में समय की बचत होगी. अभी जाने में करीब दो घंटे का समय लगता है. लेकिन रोपवे से 45 मिनट से एक घंटे के समय की बचत होगी. यानी एक से सवा घंटे में आप सुविधाजनक ढंग से पहुंच सकते हैं. ये केबल कार एसी होगी. यानी काठगोदाम से सवार होकर पहाड़ों के नजारे देखते हुए कब आपका समफर कट जाएगा, आपको पता ही नहीं होगा.
काठगोदाम से नैनीताल तक 14.9 किमी. लंबे रोपवे में कुल छह स्टेशन बनेंगे. जिससे सैलानी सुविधानुसार इन स्टेशनों पर उतर सकता है. इन स्टेशनों के नाम काठगोदाम, रानीबाग, भुजितयाघाट, नर्सर, जियोलीकोट और हनुमान गढ़ी मंदिर हैं. पूरे रूट पर 78 टावर बनेंगे.
एनएचएलएमएल के अनुसार रोपवे के निर्माण के लिए तीन साल का समय तय किया गया है. यानी काम अगर इसी साल अवार्ड होता है तो साल 2028 तक निर्माण का काम पूरा हो जाएगा. 2028 के बाद नैनीताल जाने वाले पर्यटकों को टैक्सी के ढूंढ़ने के चक्कर से छुटकारा मिलेगा.
रोपवे का डिजाइन इस तरह किया जाएगा, जिससे साल में 330 दिन रोजाना 10 घंटे चलाया जा सके. 89 लाख लोगों को सालाना सफर कराने की रोपवे की क्षमता होगी. इसके निर्माण में यहां पर रोजगार के अवसर भी मिलेंगे. कुल मिलाकर पांच लाख कार्य दिवस रोजगार सृजन होंगे.