केंद्रीय मंत्री की मेहनत लाई रंग, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के ‘खूनी’ गांव का नाम बदलकर हुआ ‘देवीग्राम’

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के एक गांव का नाम बदला गया है. यह उस गांव के लोगों के लिए खुशी की बात है क्योंकि गांववालों ने खुद ही गांव के नाम को बदलने की मांग की थी. इसे ऐसा भी कहा जा सकता है कि इस गांव के लोग कई सालों से चाहते थे कि उनके गांव का नाम बदला जाए. आखिरकार वह समय आ ही गया जब गांव को उसकी नई पहचान मिली है. तो आखिर ऐसा क्या नाम था जो गांववाले बदलना चाहता था? गांव का नाम था ‘खूनी गांव’.

इस नए नामकरण की प्रक्रिया में सबसे बड़ा किरदार सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने निभाया. उन्होंने कई मंत्रालयों से खुद बात की और इस गांव के लोगों के दर्द को उन तक पहुंचाया. तब जाकर सभी की ओर से सहमति आई और आखिरकार गांव की पहचान अब बदल चुकी है. गांव का नाम ‘खूनी’ से बदलकर ‘देवीग्राम’ कर दिया गया है. इस नए नाम से ग्रामीणों में खुशी का माहौल है.

अजय टम्टा ने इस मामले में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट भी किया है. उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि. ‘जन-जन की भावनाओं और लंबे समय की मांग को देखते हुए, पिथौरागढ़ के ‘खूनी’ गांव का नाम परिवर्तित कर ‘देवीग्राम’ करने की अधिसूचना सरकार ने जारी कर दी है.’ इस उपलब्धि पर उन्होंने हर्ष जाताया है. उन्होंने अपने पोस्ट में जिक्र किया है कि गांववालों ने उसे गांव के नाम बदलने की गुहार लगाई थी. जनभावनाओं का सम्मान रखते हुए उन्होंने इस विषय को गंभीरता से लिया है.

अजय टम्टा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है कि गांव का नाम बदलवाना इतना आसान काम नहीं था. उनके कार्यालय ने पिछले एक साल में अलग-अलग मंत्रालयों से बात की. एक दो नहीं बल्कि 6 मंत्रालयों से उन्होंने अनुमोदन प्राप्त किया. तब जाकर गांव का नाम बदल सका है.

अजय टम्टा ने अपने पोस्ट में लिखा है कि जो लोग गांव में रहते हैं वे अपने गांव के नाम बदलवाने के लिए कई अथक प्रयास कर रहे थे. इसी दौरान गांव के लोग उनके पास पहुंचे और उन्हें इस समस्या के बारे में बताया. उनके कार्यालय ने पिछले एक साल लगातार प्रयास किए तब जाकर गांव को नई पहचान मिली थी. गांववालों का कहना है कि खूनी शब्द से नकारात्मकता आती थी जिसे खत्म किया गया है.

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