हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून में ट्रैफिक जाम बढ़ा-प्रशासन ने शटल सेवा और ‘ऑपरेशन लगाम’ शुरू किया

यह खबर उत्तराखंड जाने वाले सभी पर्यटकों के लिए बेहद जरूरी है. हाल ही में हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून और नैनीताल जैसे प्रमुख पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर ट्रैफिक जाम की गंभीर समस्या देखने को मिली है. छुट्टियों और वीकेंड्स पर इन इलाकों में भारी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं, जिससे हाईवे और मेन रोड पर लंबा जाम लग रहा है. हरिद्वार से ऋषिकेश जैसे छोटे से सफर में भी अब 5 से 6 घंटे का समय लग रहा है, जबकि सामान्य दिनों में यही दूरी एक घंटे से भी कम में तय हो जाती थी. इसी तरह मसूरी और नैनीताल के मार्गों पर भी वाहन रेंगते नजर आ रहे हैं, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है. कई पर्यटकों को ट्रैफिक में फंसे रहने के कारण होटल बुकिंग, पूजा, दर्शनों और अन्य योजनाओं में देरी का सामना करना पड़ा है.

ऐसे हालात में अगर आप उत्तराखंड की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो कुछ सावधानियां और सुझावों पर ध्यान देना जरूरी है. सबसे पहले, यात्रा से पहले मौसम और ट्रैफिक की जानकारी जरूर लें और यदि संभव हो तो छुट्टियों की भीड़ से बचने के लिए ऑफ-सीजन में यात्रा करें. सुबह जल्दी निकलने की कोशिश करें ताकि जाम में फंसने की संभावना कम हो. निजी वाहन की बजाय सार्वजनिक या साझा परिवहन का इस्तेमाल करें, जैसे लोकल टैक्सी, शटल या राज्य परिवहन की बसें. यात्रा के दौरान धैर्य रखें और ट्रैफिक नियमों का पालन करें. कई बार प्रशासन किसी क्षेत्र में गाड़ियों की एंट्री पर रोक भी लगाता है, इसलिए संबंधित जिले या पर्यटन कार्यालय की वेबसाइट से ताजा अपडेट लेना फायदेमंद रहेगा.

प्रशासन इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए कई तरह की व्यवस्थाएं लागू कर रहा है. नैनीताल के नजदीक भवाली से कैंची धाम के बीच शटल सेवा शुरू की गई है ताकि पर्यटक अपनी गाड़ी पार्क करके शटल के जरिए मंदिर तक पहुंच सकें. देहरादून में ‘ऑपरेशन लगाम’ नामक विशेष अभियान शुरू किया गया है जिसका मकसद ट्रैफिक नियमों का पालन करवाना और अव्यवस्था को रोकना है. पुलिस और प्रशासन की टीमें मुख्य चौराहों और पर्यटन स्थलों पर तैनात हैं ताकि यातायात नियंत्रित रखा जा सके. इसके बावजूद, ज्यादा भीड़ और सीमित सड़क सुविधाओं के कारण जाम की स्थिति पूरी तरह काबू में नहीं आ पा रही है.

गर्मियों का मौसम आते ही लोग भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए हिल स्टेशनों की ओर रुख करने लगते हैं. नैनीताल, मसूरी, शिमला और मनाली जैसे लोकप्रिय हिल स्टेशन हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, जिससे वहां भारी भीड़ और ट्रैफिक की समस्या हो जाती है. अगर आपका भी मन किसी ठंडी और शांत जगह पर जाने का है, तो आप कुछ कम भीड़-भाड़ वाली जगहों को चुन सकते हैं यानी आप भारत के नॉर्थ-ईस्ट राज्यों में जा सकते हैं, जहां कई ऐसे हिल स्टेशन और कस्बे हैं जो कम भीड़ वाले लेकिन बेहद खूबसूरत हैं. मेघालय का मावलिननोंग, जिसे एशिया का सबसे साफ गांव कहा जाता है. ये गांव शांति और स्वच्छता का बेहतरीन उदाहरण है. इसी तरह, नागालैंड का मोकोकचुंग, मिजोरम का चंपाई, और अरुणाचल प्रदेश का जोरो वैली भी ऐसे स्थान हैं जहां पर्यटक कम संख्या में जाते हैं, जिससे वहां की प्राकृतिक सुंदरता बनी हुई है.

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