7 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे तुंगनाथ के कपाट, एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु ने किए दर्शन

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7 नवंबर सोमवार सुबह 11.30 बजे पंचकेदारों में प्रसिद्ध तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट शीतकाल के लिए विधि-विधान के साथ बंद कर दिए जाएंगे. जबकि द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट 18 नवंबर की सुबह 8 बजे बंद होंगे.

तुंगनाथ के कपाट बंद होने के बाद तुंगनाथ भगवान की चल विग्रह डोली इसी दिन प्रथम पड़ाव चोपता पहुंचेगी और यहां रात्रि विश्राम करेगी. दूसरे दिन 8 नवंबर को देव डोली बणतोली होते हुए भनकुंड पहुंचेगी और रात्रि प्रवास भनकुंड में करेगी. 9 नवंबर को सुबह देवडोली भनकुंड से अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कण्डेय मंदिर मक्कूमठ पहुंच जाएगी. पूजा अर्चना के बाद डोली मंदिर गर्भगृह में विराजमान हो जाएगी.

तुंगनाथ के कपाट 6 मई को दर्शन के लिए खोले गए थे. कपाट खुलने के बाद भारी संख्या में तीर्थयात्री तुंगनाथ धाम पहुंचे. पहली बार ऐसा हुआ है कि तुंगनाथ धाम में एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे हैं और दो साल तक कोरोना महामारी के कारण ठप पड़ा स्थानीय लोगों का रोजगार बेहतर चला है.

होटल, रेस्टोरेंट और ढाबा के साथ ही छोटे से लेकर बड़े व्यापारियों को फायदा हुआ है. तुंगनाथ धाम की यात्रा से भी करोड़ों का व्यापार हुआ है, जिससे प्रशासन को लाखों का राजस्व प्राप्त हुआ है.

चोपता मार्ग से तुंगनाथ धाम की दूरी करीब चार किमी है और इस धाम से एक किलोमीटर ऊपर चन्द्रशिला स्थित है, जहां पर तीर्थयात्री इन दिनों जा रहे हैं. दिसंबर और जनवरी के महीने में बर्फ गिरने पर भी पर्यटक यहां पहुंचते हैं और धाम में गंदगी फैलाते हैं.

शीतकाल के लिए बाबा तुंगनाथ के कपाट बंद होने के बाद मंदिर समिति सहित ने धाम सहित घाटी में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगाने की मांग की है. उनका कहना है कि पर्यटक बाबा के धाम तक अराजकता का माहौल पैदा करते हैं. उनका आरोप है कि पर्यटक धाम सहित पूरे क्षेत्र में पहुंचकर मांस-मदिरा का सेवन करते हुए देखे गए हैं.

तीर्थ पुरोहित गजेन्द्र मैठाणी ने कहा कि तुंगनाथ धाम में व्यवस्थाएं सही नहीं हैं. कपाट बंद होने के बाद धाम में गंदगी फैली होती है. प्रशासन की ओर से तुंगनाथ धाम जाने वाले पर्यटकों पर रोक नहीं लगाई जाती है. दुकानों, होटल, लाॅज के ताले तोड़कर लूट की जाती है. सामान को खराब किया जाता है, बावजूद इसके प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है. उन्होंने कहा कि कपाट बंद होने के बाद धाम में पर्यटकों के आने पर रोक लगनी चाहिए.

उधर, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि तृतीय केदार तुंगनाथ और द्वितीय केदार मदमहेश्वर धाम में लाखों की संख्या में तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए हैं. केदारनाथ दर्शन के बाद तीर्थयात्री मदमहेश्वर और तुंगनाथ धाम भी गए हैं. यहां चहल-पहल ज्यादा बढ़ गई है. आने वाले समय में दोनों धामों के कपाट खुलने से पहले सुविधाएं बढ़ा दी जाएंगी.



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