7 मई को भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में सक्रिय कई आतंकवादी संगठन भारी दबाव में आ गए हैं. भारत की सैन्य कार्रवाई ने कई ठिकानों और नेतृत्वीय संसाधनों को नष्ट कर दिया, जिससे आतंकियों को भागने और नए ठिकाने ढूंढने पर मजबूर होना पड़ा है.
जानकारी के लिए आपको बता दें कि 7 मई को चली कार्रवाई में कई आतंकवादी कैंप और ठिकाने निशाना बने. रिपोर्ट के अनुसार इस ऑपरेशन ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के नेटवर्क पर भारी चोट पहुंचाई. कुछ समूहों ने खुले तौर पर भी अपनों के नुकसान की बात स्वीकार की है. इस कार्रवाई के बाद आतंकियों के बीच भय और अव्यवस्था फैल गई.
खुफिया जानकारी बताती हैं कि पीओके और पंजाब में सक्रिय कई आतंकवादी अब अपना ठिकाना खैबर पख्तूनख्वा (KPK) में बना रहे हैं- जहां अफगान सीमा के पास विस्तार में छिपने और ट्रेनिंग के अच्छे अवसर माने जाते हैं. यह कदम उन्हें भारत की सीधी पहुंच से दूर रखने की कोशिश है.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद जैश सहित कई समूह जनता के समक्ष ताकत दिखाने और नए सदस्यों की भर्ती के लिए कार्यक्रम कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर पेशावर और अन्य जगहों पर स्मारक और रैलियां आयोजित की जा रही हैं, जिनका उद्देश्य शहीदों की याद में नई भर्ती और मनोबल बनाये रखना बताया जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक कुछ समूहों ने KPK में नए ट्रेनिंग कैंप और लॉजिस्टिक बेस बनाए हैं और स्थानीय कमांडरों को तैनात किया जा रहा है. यह एक रणनीतिक बदलाव है जिससे वे अधिक सुरक्षित स्थानों पर बेस तैयार करने की योजना बना रहे हैं.
ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवादियों को बड़ा झटका दिया है और उन्हें खदेड़ कर नए इलाकों में फैलने पर मजबूर किया है. फिर भी सुरक्षा चुनौतियां कायम हैं- खुफिया और कूटनीतिक स्तर पर सतर्कता और निरंतर कार्रवाई की आवश्यकता बनी हुई है.