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मिस्र के राष्ट्रपति होंगे इस बार गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि, स्वीकारा पीएम मोदी का निमंत्रण

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भारत के विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सिसी 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे. बयान में कहा गया, ‘यह पहली बार है कि अरब गणराज्य मिस्र के राष्ट्रपति हमारे गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे.’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अल-सिसी को एक औपचारिक निमंत्रण भेजा था, जिसे गत 16 अक्टूबर को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मिस्र के राष्ट्रपति को सौंप दिया था.

दोनों देश इस साल अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि मिस्र को 2022-23 में जी-20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान ‘अतिथि देश’ के रूप में आमंत्रित किया गया है.

भारत और मिस्र के बीच सभ्यतागत और गहरी जड़ों वाले लोगों से लोगों के संबंधों पर आधारित गर्म और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. मित्र राष्ट्रों के नेताओं ने 1950 से गणतंत्र दिवस समारोह की शोभा बढ़ाई है, जब तत्कालीन इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुकर्णो को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. 1952, 1953 और 1966 में गणतंत्र दिवस समारोह बिना किसी विदेशी नेता के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए आयोजित किए गए थे.

वर्ष 2021 में, तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था, लेकिन ब्रिटेन में बढ़ते COVID-19 मामलों के कारण उन्हें अपनी भारत यात्रा रद्द करनी पड़ी थी.

इस वर्ष, भारत ने गणतंत्र दिवस समारोह के लिए मुख्य अतिथि के रूप में भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली आने वाले पांच मध्य एशियाई गणराज्यों के नेताओं को आमंत्रित किया था. हालांकि, भारत में बढ़ते COVID-19 मामलों के कारण यात्रा रद्द कर दी गई थी. भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन वर्चुअल प्रारूप में आयोजित किया गया था. 2018 में, गणतंत्र दिवस परेड में 10 राष्ट्राध्यक्षों सहित दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के पूरे संघ (आसियान) का नेतृत्व उपस्थित था.

साल 2020 में ब्राजील के तत्कालीन राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो मुख्य अतिथि थे. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा (2015), रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (2007), पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी (2008) और फ्रांस्वा ओलांद (2016) भी पूर्व में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि रह चुके हैं.

भारत का यह कदम मिस्र के साथ द्वीपक्षीय संबंधों को मजबूती प्रदान करने में मददगार साबित होगा. इसके साथ ही भारत की इस प्रमुख अफ्रीकी देश तक पहुंच और मजबूत होगी. इस साल दोनों देशों ने राजनयिक संबंधों की अपनी 75वीं वर्षगांठ भी मनाई है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह हाल ही में मिस्र के दौरे पर भी गए थे. इस दौरान दोनों ने ही मिस्र के राष्ट्रपति अल सिसी से मुलाकात करके उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश दिया था. दोनों ने इस साल अक्टूबर में मिस्र का दौरा किया था.


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