नेपाल में छात्रों ने बड़ा प्रदर्शन शुरू कर दिया है. प्रदर्शन में अब तक 20 छात्रों की मौत हुई है. प्रदर्शनकारियों के वजह से नेपाल सरकार के तीन मंत्री अब तक इस्तीफा दे चुके हैं. नेपाली पीएम को देश में दोबारा सोशल मीडिया बहाल करना पड़ा. नेपाल की सड़कों पर दो दिन से हजारों छात्र डटे हुए हैं. लेकिन क्या आप इस प्रदर्शन और इतने छात्रों को सड़क पर लाने का काम एक एनजीओ ने किया है. इसका नाम है- हामी नेपाल.
हामी नेपाल नाम के संगठन के कर्ताधर्ता हैं- सुदन गुरुंग. सुदन खुद 36 साल के हैं लेकिन जेनजी समुदाय के बीत उन्होंने अच्छी पकड़ बना ली है. सुदन गुरुंग ने युवाओं के गुस्से को पहचाना और इसे एक मंच दिया. सुदन गुरुंग अपने आप को एक गैर लाभकारी संगठन बताते हैं. संगठन की अनौपचारिक शुरुआत 2015 में हुई थी, जिसका पंजीकरण 2020 में हुआ था.
एनजीओ के सोशल मीडिया पर गुरुंग को एक एक्टिविस्ट बताया गया है. संगठन इंटरनेशनल फंडिंग लेती है और भूकंप, बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित लोगों की मदद करती है. 8 सितंबर के सुदन गुरुंग ने आंदोलन के लिए जेन-जी का आह्वान किया था.
उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर लिखा- भाइयों-बहनों सितंबर 8 सिर्फ आम दिन नहीं है. ये वो दिन है, जब नेपाल के युवा उठेंगे और कहेंगे- अब बहुत हो गया. सुदन ने आगे कहा कि ये हमारा समय है, ये हमारी लड़ाई है, ये हमसे, हम युवाओं से शुरू होता है. हम अपनी आवाज उठाएंगे, मुट्ठियां भीचेंगे, एकता की ताकत दिखाएंगे, अपनी शक्ति दिखाएंगे, जो न झुकने का दंभ भरते हैं. सुदन ने पहले इंस्टाग्राम और बाद में डिस्कॉर्ड और वीपीएन जैसे सोशल मीडिया प्लेटफोर्म का इस्तेमाल किया और हजारों युवा प्रदर्शनकारियों को एकजुट किया.