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इस्लामाबाद: आतंकवादियों ने मंत्री समेत दो विदेशियों का किया अपहरण, फिर छोड़ा-जानें क्या रखी शर्त

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इस्लामाबाद|…. पाकिस्तान में आतंकवादियों ने मंत्री अबैद उल्लाह बेग समेत दो विदेशियों का अपहरण किए जाने के बाद उन्हें छोड़ दिया है. वार्ता के दौरान आतंकवादियों ने अपने जेल में बंद साथियों को छोड़े जाने की शर्त रखी है. इसके लिए 10 दिन का समय दिया है. आरोप मोस्ट वांटेड आतंकवादी कमांडर हबीबुर रहमान गुट के आतंकवादियों पर है.

पाकिस्तान में आतंकवादियों द्वारा पाकिस्तानी मंत्री समेत दो विदेशी नागरिकों का अपहरण कर लिया. आरोप मोस्ट वांटेड आतंकवादी कमांडर हबीबुर रहमान गुट के आतंकवादियों पर है. बताया गया कि मंत्री अबैद उल्लाह बेग को दो विदेशियों के साथ शुक्रवार को इस्लामाबाद से स्कार्दू वापस आते समय दो विदेशियों के साथ अपहरण कर लिया गया था. इसके बाद हड़कंप मच गया.

अबैद उल्लाह बेग हुंजा इमरान खान की पार्टी पीटीआई से जीते हुए विधायक हैं. इसके बाद पाकिस्तान पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने अतांकियों से वार्ता की, जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया. इसके लिए आतंकवादियों ने अपने साथियों को छोड़ने की शर्त रखी है. जिसे पूरा करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है.

मंत्री का अपहरण शुक्रवार रात उस वक्त हुआ जब वह इस्लामाबाद से बाबूसर जा रहे थे. इसके बाद आतंकवादियों के साथ बातचीत के साथ बेग को शनिवार की सुबह तड़के रिहा कर दिया गया. पाकिस्तान स्थित मीडिया पोर्टल मिनट मिरर के मुताबिक आतंकी कमांडर अब्दुल हमीद ने पाकिस्तान के मंत्री की रिहाई के लिए एक शर्त रखी थी. हामिद ने गिलगित बाल्टिस्तान सरकार को नंगा पर्वत घटना जैसी आतंकवादी घटनाओं में शामिल सशस्त्र लोगों की रिहाई की मांग करते हुए 10 दिन की समय सीमा दी, जिसमें दस विदेशी मारे गए थे.

सोशल मीडिया पर शुक्रवार को साझा किये गये एक ‘ऑडियो क्लिप’ में गिलगित बाल्टिस्तान के वरिष्ठ मंत्री अबैद उल्लाह बेग को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है कि इस्लामाबाद से गिलगित की तरफ जाते समय उन्होंने पाया कि आतंकवादियों ने अपने साथियों को जेल से रिहा कराने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाने के उद्देश्य से सड़क को अवरुद्ध कर रखा है.

वित्त, उद्योग, वाणिज्य और श्रम मंत्रालय के प्रभारी मंत्री अबैदुल्ला बेग द्वारा जारी किए गए एक वीडियो में दिखाया गया है कि आतंकवादियों की रिहाई की पुष्टि के बाद उन सभी को कैद से जाने दिया गया.

आतंकियों ने जिस घटना के आरोप में जेल में बंद साथियों की रिहाई की मांग की है वह घटना करीब 9 साल पुरानी है. 2013 में इन्ही बंदूकधारियों ने गिलगित बाल्टिस्तान में नंगा पर्वत जाने वाले पर्वतारोहियों को निशाना बनाया था. बंदूकधारियों ने चीन, यूक्रेन और रूस के नागरिकों समेत 9 पर्यटकों और एक पाकिस्तानी गाइड की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

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