पाकिस्तान की हालत बद से बदतर, पासपोर्ट रैंकिंग मे सोमालिया से भी पीछे-जानिए भारत की रैंकिंग

पाकिस्तान की हालत बद से बदतर है. वो आर्थिक रूप से कंगाल हो चुका है और दुनियाभर की मुल्कों से पैसा मांग रहा है. अब इसी बीच एक नई रिपोर्ट में फिर उसको झटका लगा है. हेनले पासपोर्ट इंडेक्स ने नई रैंकिंग जारी की है. इसमें दुनिया भर के देशों के पासपोर्ट की ताकत दिखाई गई है. इसमें 199 पासपोर्ट शामिल हैं.

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स की नई रैंकिंग की बात करें तो पाकिस्तान दुनिया का चौथा सबसे खराब पासपोर्ट वाला देश है. 2022 में आई रैंकिंग में पाकिस्तान की स्थिति में किसी भी तरह का बदलाव नहीं हुआ है. पिछले साल भी यह दुनिया का चौथा सबसे खराब पासपोर्ट था. पाकिस्तान से बेहतर हालात सोमालिया जैसे देश की है.

नई रैंकिंग में पाकिस्तान के बाद केवल तीन ही देश हैं और उनके नाम हैं सीरिया, इराक और अफगानिस्तान. वहीं भारत की रैंकिंग में सुझधार हुआ है. भारत की रैंकिंग 85 है. भारतीय पासपोर्ट के जरिए 59 देशों में वीजा फ्री या वीजा ऑन अरावइल के जरिए यात्रा की जा सकती है.

दुनिया के सबसे खराब पासपोर्ट की बात करें तो इसमें अफगानिस्तान है. लिस्ट में सबसे आखिरी नंबर पर मौजूद अफगानिस्तान को 27 देश वीजा फ्री यात्रा की अनुमति देते हैं.

भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका की हालात साल 2022 के बेहद खराब हो गए थे और पूरा देश कंगाल हो गया था. अब श्रीलंका जैसे हालात देश के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में दिखाई दे रहे हैं. यह तो हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तान की इकोनॉमी की हालत पिछले कुछ दिनों से बहुत खराब है. ऐसे में देश में बुनियादी चीजों की किल्लत हो रही है.

ऐसे में अब देश में शादी-ब्याह और रोजमर्रा के जीवन में भी खाना बनाने में परेशानी हो रही है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है. पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार 8 साल के सबसे निचले स्तर यानी करीब 5.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. ऐसे में इस राशि से पाकिस्तान के 3 हफ्ते ही जरूरत की चीजों का आयात कर पाएगा.

पाकिस्तान में श्रीलंका जैसे हालात बन चुके हैं. देश का विदेशी कर्ज जहां लगातार बढ़ रहा है, वहीं विदेशी मुद्रा में लगातार कमी देखी जा रही है. पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 के मार्च तक देश का कपल विदेशी कर्ज 43 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गया है. इस कर्ज में एक बड़ा हिस्सा इमरान खान के कार्यकाल का है. उन्होंने केवल 3 साल के दौरान कुल 1400 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का कर्ज लिया है. इसके साथ ही देश में विदेशी मुद्रा लगभग खत्म होने के कगार पर है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (State Bank of Pakistan) के पास जनवरी 2022 में कुल 16.6 अरब डॉलर थे जो अब गिरकर केवल 5.6 अरब डॉलर पर पहुंच गए हैं. ऐसे में इसमें करीब 11 अरब डॉलर की कमी दर्ज की गई है. विदेशी मुद्रा की कमी होने के पीछे सबसे बड़ा कारण है विदेशी कर्जों की किस्त का भुगतान करना.

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