चीन के तिआनजिन में चल रही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट का आज आखिरी दिन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एससीओ समिट में शामिल होने के लिए चीन पहुंचे हैं. पहले दिन पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक की. सोमवार को पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी.
पीएम मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान कहा कि,”भारत ने एससीओ के सदस्य के रूप में बहुत सकारात्मक भूमिका निभाई है. एससीओ के लिए भारत का दृष्टिकोण और नीति तीन महत्वपूर्ण स्तंभों पर आधारित है. एस – सुरक्षा, सी – कनेक्टिविटी और ओ – अवसर”
पीएम मोदी ने एससीओ के सदस्यों के सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि “सुरक्षा, शांति और स्थिरता किसी भी देश के विकास का आधार हैं. लेकिन आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद इस राह में बड़ी चुनौतियां हैं. आतंकवाद सिर्फ़ एक देश की सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक साझा चुनौती है. कोई भी देश, कोई भी समाज, कोई भी नागरिक इससे खुद को सुरक्षित नहीं मान सकता.
इसलिए, भारत ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकता पर ज़ोर दिया है. भारत ने संयुक्त सूचना अभियान का नेतृत्व करके अल-कायदा और उससे जुड़े आतंकवादी संगठनों से लड़ने की पहल की. हमने आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ आवाज़ उठाई. इसमें आपके सहयोग के लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ के मंच से कहा कि,”हमें स्पष्ट रूप से और सर्वसम्मति से कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं है.” पीएम मोदी ने कहा कि,”यह हमला मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति के लिए एक खुली चुनौती थी. ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है. हमें हर रूप और रंग के आतंकवाद का सर्वसम्मति से विरोध करना होगा. मानवता के प्रति यह हमारा कर्तव्य है.”