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डब्ल्यूएचओ ने किया मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित

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सांकेतिक फोटो

दुनिया भर में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन चिंता में है. शनिवार को मंकीपॉक्स को लेकर डब्ल्यूएचओ ने हाई अलर्ट जारी किया है. मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को लेकर डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है.

इसका मतलब है कि डब्ल्यूएचओ अब मंकीपॉक्स के प्रकोप को वैश्विक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरे के तौर पर देखता है और इससे निपटने के लिए समन्वित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की जरूरत समझता है.

गौरतलब है कि डब्ल्यूएचओ ने आखिरी बार जनवरी 2020 में कोविड -19 के प्रकोप के जवाब में वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल जारी किया था.गौरतलब है कि यूरोप इस प्रकोप का केंद्र बना हुआ है. उधर भारत में अब-तक इसके तीन मामलों की पुष्टि हो चुकी है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बढ़ते मंकीपॉक्स के प्रकोप के लिए अपने उच्चतम अलर्ट स्तर को सक्रिय कर दिया है, इस वायरस को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है. इसका मतलब हैं कि दुनिया को अब इस बीमारी से लेना चाहिए.

इस बीमारी को लेकर सचेत हो जाना चाहिए. डब्ल्यूएचओ अब मंकीपॉक्स के प्रकोप को वैश्विक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरे के तौर पर देखता है और इससे निपटने के लिए समन्वित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की जरूरत समझता है ताकि यह वायरस अधिक न फैंले और इसकी नतीजा महामारी के तौर पर सामने न आए.विश्व स्वास्थ्य संगठन की यह चेतावनी हालांकि किसी भी देश को इस बीमारी से निपटने के जरूरी कदम उठाने के लिए बाध्य करने के लिए नहीं है.

यह अलर्ट इस बीमारी को लेकर तुरंत एक्शन में आने के लिए है. डब्ल्यूएचओ केवल अपने सदस्य राज्यों को मार्गदर्शन और सिफारिशें जारी कर सकता है, जनादेश नहीं. गौरतलब है कि सदस्य राज्यों को उन घटनाओं की रिपोर्ट करने की आवश्यकता होती है जो वैश्विक स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करती हैं.

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने पिछले महीने मंकीपॉक्स के लिए वैश्विक आपातकाल घोषित करने से इंकार कर दिया था. लेकिन पिछले कई हफ्तों में संक्रमण काफी हद तक बढ़ गया है, जिसने डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम गेब्रियेसस को उच्चतम अलर्ट जारी करने के लिए मजबूर कर दिया.डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक 75 देशों में मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले सामने आए हैं.

जून के अंत से लेकर जुलाई की शुरुआत तक पुष्टि किए गए संक्रमणों की संख्या में 77 फीसदी की वृद्धि हुई है. पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाने वाले पुरुषों को इस समय संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा बताया जा रहा है.इस साल अफ्रीका में इस वायरस से पांच लोगों की मौत हुई है. मंकीपॉक्स से अफ्रीका के बाहर अब तक किसी की मौत की सूचना नहीं है.

मई की शुरुआत से ही मंकीपॉक्स विश्व भर में तेजी से फैल रहा है. डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि इस वक्त मंकीपॉक्स प्रकोप कई देशों में है. यह बीमारी उन देशों में भी फैल रही है, जहां आमतौर पर यह बीमारी पहले नहीं पाई गई है. इस बीमारी की चपेट में खासकर समलैंगिक और उभयलिंगी पुरुष अधिक आ रहे हैं.

इसके लक्षण अक्सर जननांग और गुदा पर चकत्तों के तौर पर उभर रहे हैं. इसी वजह से डॉक्टर्स इसे दाद या सिफलिस समझ रहे हैं. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि इसका प्रकोप दुनिया के कई देशों में है. यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका, पश्चिमी प्रशांत और पूर्वी भूमध्यसागरीय जैसे देश इसकी चपेट में हैं. साल 2022 में इसका प्रकोप काफी बढ़ गया है.

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