उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने वर्ष 2026 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं में प्रश्नपत्रों की सुरक्षा को और मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी है. इस बार एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित निगरानी व्यवस्था को समय रहते लागू करने के लिए बोर्ड ने योजनाबद्ध तरीके से कार्य प्रारंभ कर दिया है.
बीते वर्षों में एआई सिस्टम लागू करने में देरी के कारण यूपी बोर्ड को 2025 की परीक्षा में यह सुविधा नहीं मिल पाई थी. लेकिन इस बार परीक्षा से पहले ही डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कर ली गई है और अब जल्द ही दूसरी उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी.
इस तकनीक के तहत परीक्षा केंद्रों पर बनाए गए स्ट्रांग रूमों में एआई-सक्षम मोशन सेंसर युक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. ये कैमरे प्रश्नपत्रों की निगरानी करेंगे और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत प्रयागराज स्थित बोर्ड मुख्यालय में बने कंप्यूटर वॉल तक पहुंचाएंगे.
कैमरों को डीवीआर/एवीआर के जरिए केंद्रीय नियंत्रण प्रणाली से जोड़ा जाएगा, जिससे स्ट्रांग रूम में प्रवेश, समय, गतिविधियों की संख्या जैसी सूचनाएं स्वतः रिकॉर्ड हो सकेंगी. मानक से इतर कोई भी हलचल होते ही सिस्टम अलर्ट भेज देगा.
2025 की परीक्षा के लिए एआई निगरानी की प्रक्रिया अगस्त 2024 में शुरू की गई थी. लेकिन टेंडर प्रक्रिया में देरी, कम आवेदन और ऊंचे बजट प्रस्तावों के चलते यह योजना अमल में नहीं लाई जा सकी. एकमात्र एजेंसी ने 45 करोड़ रुपये की मांग की थी, जबकि बजट मात्र 25 करोड़ था. ऐसे में बोर्ड को परंपरागत सीसीटीवी और नियंत्रण कक्ष की मदद से निगरानी करनी पड़ी.
इस बार टेंडर दो भागों में जारी करने का निर्णय लिया गया है. पहला टेंडर एआई सेवा प्रदाता एजेंसी के लिए और दूसरा यूपी बोर्ड मुख्यालय में कंप्यूटर वॉल बनाने के लिए निकाला जाएगा. इससे अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे और प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी.
बोर्ड सचिव भगवती प्रसाद सिंह ने बताया कि इस बार समय रहते पूरी व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाएगी ताकि वर्ष 2026 की परीक्षा में प्रश्नपत्रों की सुरक्षा में किसी प्रकार की चूक न हो.