आम तौर पर काम या शिक्षा के सिलसिले में कई युवा अपने घरों से दूर रहते हैं. ऐसे में उन्हें रहने के लिए या तो पीजी या फिर किराए के घर पर निर्भर रहना पड़ता है. आप भी ऐसे ही किराए के मकान पर रहते हैं तो आपके लिए ये बड़े काम की खबर साबित हो सकती है. दरअसल किराएदारों को किराया अधिनियम के तहत मकान मालिक की एक शर्त मानना बहुत आवश्यक है. यह शर्त है मकान खाली करना. अगर किराएदार मकान मालिक के कहने पर मकान खाली नहीं करते हैं तो किराएदार को चार गुना किराया चुकाना होगा. आइए विस्तार से जानते हैं देश के किस राज्य में इस नियम को सख्ती से लागू किया जा रहा है.
कौन सी सरकार ने उठाया कदम
मध्यप्रदेश सरकार अब किराएदारी संबंधी विवादों को समाप्त करने और पारदर्शिता लाने की दिशा में नया किराएदारी अधिनियम (Tenancy Act) लागू करने जा रही है. यह अधिनियम मकान मालिक और किराएदार दोनों के अधिकारों और कर्तव्यों को स्पष्ट रूप से निर्धारित करेगा.
किन पर लागू होगा यह नियम
शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों पर यह अधिनियम लागू होगा. नगरीय विकास एवं आवास विभाग की ओर से इसका प्रारूप तैयार किया जा चुका है और इसे आगामी मानसून सत्र में विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा.
अनुबंध समाप्ति पर मकान खाली करना अनिवार्य
नए अधिनियम का सबसे बड़ा प्रावधान यह है कि किराएदार को अनुबंध की अवधि समाप्त होने पर मकान खाली करना अनिवार्य होगा. यदि वह ऐसा नहीं करता है, तो मकान मालिक किराया प्राधिकारी से शिकायत कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर सकता है. हालांकि, आपदा (जैसे बाढ़, महामारी आदि) की स्थिति में किराएदार को तुरंत मकान खाली करने की बाध्यता नहीं होगी, लेकिन उसे उस अवधि में भी किराया देना जारी रखना होगा.
बिना अनुमति उप-किराएदार नहीं रख सकेंगे
अधिनियम में यह भी स्पष्ट किया गया है कि किराएदार बिना मकान मालिक की अनुमति के किसी तीसरे व्यक्ति को मकान उप-भाड़े पर नहीं दे सकेगा. अनुबंध समाप्ति के बाद भी यदि किराएदार मकान खाली नहीं करता है, तो पहले दो महीनों के लिए दोगुना और उसके बाद चार गुना किराया देना अनिवार्य होगा. इससे मकान मालिकों को किराए पर कब्जा बनाए रखने वाले किराएदारों से राहत मिलेगी.
मकान मालिक के अधिकार और सीमाएं भी तय
इस अधिनियम में मकान मालिकों को भी अनुशासन में रखा गया है. अब वे बिना उचित कारण के किराएदार को परेशान नहीं कर सकेंगे. मरम्मत या निरीक्षण के लिए कम से कम 24 घंटे पहले सूचना देना आवश्यक होगा.
मकान मालिक जल, बिजली, गैस, लिफ्ट, पार्किंग जैसी मूलभूत सुविधाएं बाधित नहीं कर सकते. इसके अलावा, बिना पूर्व अनुमति मकान में प्रवेश करना भी नियमों का उल्लंघन माना जाएगा.
किराएदार की मृत्यु के बाद उत्तराधिकारी को अधिकार
यदि किराएदार की मृत्यु हो जाती है, तो उसका कानूनी उत्तराधिकारी अनुबंध की शर्तों के अनुसार उसी मकान में रह सकता है, बशर्ते वह अनुबंध के नियमों का पालन करे. इससे परिवारजनों को मकान से अचानक बेदखली से सुरक्षा मिलेगी.