चीन तनाव के बीच ‘आईएनएस मोरमुगाओ’भारतीय नौसेना के बेड़े, जानिए युद्धपोत की खास बातें

भारतीय नौसेना के बेड़े में आधुनिक हथियारों से लैस ‘आईएनएस मोरमुगाओ’ शामिल हो गया है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इसे इंडियन नेवी को सौंपा. हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते दखल के बीच इस युद्धपोत का इंडियन नेवी में शामिल होना महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

युद्धपोत के मिलने से भारतीय नौसेना की ताकत में काफी इजाफा हुआ है. इसे मुंबई में स्थित नेवी के डॉकयार्ड में तैनात किया गया है. इस विध्वंसक युद्धपोत से भारतीय नौसेना की हिंद महासागर में पहुंच बढ़ेगी और देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा काफी मजबूत होगी. आईएनएस मोरमुगाओ का नाम गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर के नाम पर रखा गया है.

भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा, “स्वदेशी युद्धपोत निर्माण के इतिहास में आज का दिन एक और मील का पत्थर है क्योंकि हम विध्वंसक मोरमुगाओ को चालू कर रहे हैं. इसके सहयोगी जहाज विशाखापत्तनम को एक साल पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था.” नौसेना प्रमुख ने कहा, “यह उपलब्धि पिछले दशक में युद्धपोत डिजाइन और निर्माण क्षमता में हमारी ओर से उठाए गए बड़े कदमों का संकेत है. नौसेना में शहरों के नाम पर जहाजों के नामकरण की परंपरा रही है, जो दोनों के बीच एक स्थायी संबंध स्थापित करता है.”

इस युद्धपोत की 10 खास बातें

इस युद्धपोत ने 19 दिसंबर 2021 को पहली बार समंदर में कदम रखा था. रक्षा मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, इस विध्वंसक युद्धपोत को भारतीय नौसेना के ‘वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो’ ने डिजाइन किया है और इसका निर्माण मुंबई की मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया है.
यह पूरी तरह से स्वदेशी युद्धपोत है और भारत के निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में शामिल है. भारतीय नौसेना के अनुसार, यह युद्धपोत दूरसंवेदी उपकरणों, आधुनिक रडार और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल जैसी हथियार प्रणालियों से लैस है.
नौसेना ने बताया, इस युद्धपोत की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और वजन 7,400 टन है. इस युद्धपोत में चार शक्तिशाली गैस टर्बाइन लगी हैं जिनकी मदद से यह जंगी जहाज 30 समुद्री मील से अधिक की रफ्तार से चल सकता है.
यह युद्धपोत दूरसंवेदी उपकरणों, आधुनिक रडार और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, रॉकेट लॉन्चर और टोरपीडो जैसे हथियारों से लैस है. इसकी वजह से दुश्मन देश के जहाज पर हमेशा भारी पड़ेगा.
इस युद्धपोत में लगीं मिसाइलें आसमान में उड़ते विमान पर 70 किलोमीटर और जमीन या समुद्र पर मौजूद लक्ष्य पर 300 किलोमीटर दूर से निशाना लगाने में सक्षम हैं.
आधुनिक रडार की मदद से इस युद्धपोत पर बेहद खराब मौसम के दौरान भी नौसेना के हेलीकॉप्टर लैंड कर सकेंगे. आईएनएस मोरमुगाओ 127 मिलीमीटर गन से लैस है. इसमें एके-630 एंटी मिसाइल गन सिस्टम भी है.
इस युद्धपोत को प्रोजेक्ट 15बी के तहत निर्मित किया गया है. इस प्रोजेक्ट में चार विध्वंसक युद्धपोतों को निर्मित किया जा रहा है. इसी प्रोजेक्ट के पहले जहाज आईएनएस विशाखापत्तनम को पिछले साल भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था. बाकी दो युद्धपोतों (आईएनएस इम्फाल और आईएनएस सूरत) का निर्माण कार्य भी मझगांव डॉकयार्ड में तेजी से चल रहा है.
यह स्वदेशी युद्धपोत परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध के समय भी बचाव करने में सक्षम है. इसकी सबसे खास बात ये है कि इसकी बाहरी परत को स्पेशल स्टील से बनाया गया है, ताकि दुश्मन राडार पर इसे लोकेट न कर पाए.
इससे पहले प्रोजेक्ट 15A के तहत INS कोलकाता, INS कोच्चि और INS चेन्‍नै अस्तित्‍व में आए हैं. प्रोजेक्‍ट 15ए की खास बात यह रही कि प्रमुख रूसी सिस्‍टम्‍स को स्‍वदेशी सिस्‍टम्‍स से बदला गया.
प्रोजेक्‍ट 15बी के तहत भारत वर्ल्‍ड क्‍लास मिसाइल डिस्‍ट्रॉयर्स तैयार कर रहा है. इनकी क्‍वालिटी अमेरिका और यूरोप के नामी शिपबिल्‍डर्स को टक्‍कर देती है.

मुख्य समाचार

विज्ञापन

Topics

More

    एलए प्रदर्शनों के बीच ट्रंप का बड़ा कदम: 2,000 अतिरिक्त नेशनल गार्ड और 700 मरीन तैनात

    लॉस एंजेलिस के इमिग्रेशन विरोधी प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रपति...

    Related Articles