एनआईए का जासूसी नेटवर्क पर कड़ा प्रहार, कई राज्यों में दबिश

पहलगाम आतंकी हमले के बाद देशभर में फैले जासूसी नेटवर्क पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. इस अभियान में अब तक आठ राज्यों में छापेमारी की जा चुकी है, और सोमवार को कई और राज्यों में दबिश की संभावना जताई गई है. पहले जहां ऐसी कार्रवाई राज्य पुलिस द्वारा खुफिया इनपुट पर होती थी, इस बार NIA ने सीधा नेतृत्व करते हुए ओवरग्राउंड वर्करों, स्पाई नेटवर्क और टेरर फंडिंग चैनल्स के खिलाफ व्यापक मोर्चा खोला है.

तीन स्तरों पर टारगेटिंग

  1. टेक्निकल इंटेलिजेंस: यूट्यूबर से पूछताछ
    NIA ने ऐसे कई यूट्यूब कंटेंट क्रिएटर्स को हिरासत में लिया है जो चीन और पाकिस्तान की यात्राएं कर चुके हैं और जिन्होंने सैन्य और सामरिक महत्व की लोकेशनों के वीडियो बनाए हैं. इन वीडियो में जियो टैगिंग के माध्यम से सटीक लोकेशन साझा की गई, जो विदेशी खुफिया एजेंसियों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकती हैं.
  2. ह्यूमन इंटेलिजेंस: CRPF और नेवी से जुड़े लोग गिरफ्तार
    एक CRPF के ASI को महज ₹3,000 प्रति माह में संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
    वहीं भारतीय नौसेना की एक महिला ठेकेदार ने पाकिस्तान से संपर्क कर 15 वॉरशिप्स की पोजीशन साझा की थी.
    इससे सुरक्षाबलों के भीतर मौजूद जासूसी नेटवर्क को लेकर चिंताएं गहराई हैं.
  3. हनी ट्रैप मॉड्यूल: डेटिंग ऐप ‘Bumpy’ का दुरुपयोग
    एक अंतरराष्ट्रीय डेटिंग ऐप ‘Bumpy’ के माध्यम से साइबर हनी ट्रैप नेटवर्क सक्रिय था, जिसमें विदेशी महिलाओं के नाम पर सुरक्षाकर्मियों को फंसाकर संवेदनशील जानकारी ली जाती थी.

टेरर फाइनेंसिंग: पे-पाल से लेकर क्रिप्टो तक
NIA की जांच में सामने आया है कि अब हवाला के अलावा, PayPal, ऑनलाइन गैंबलिंग ऐप, ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म और क्रिप्टोकरंसी के जरिए जासूसों को भुगतान किया जा रहा है. पाकिस्तान से जुड़े संगठनों द्वारा भारतीय एजेंटों को ₹20,000 से ₹1,00,000 तक का भुगतान किया गया. सोशल मीडिया व अन्य ऑनलाइन माध्यमों से सैन्य मूवमेंट, एयरबेस और सेना की पोजीशन जैसी जानकारियाँ भेजी जा रही थीं. इस समय तक कार्रवाई 8 राज्यों में फैली है: जम्मू-कश्मीर, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश. सोमवार को और राज्यों में छापेमारी संभव है.

NIA अब डिजिटल फोरेंसिक, फंडिंग चैनल्स और सोशल नेटवर्क्स पर भी सघन जांच कर रही है. यह मामला सिर्फ एक आतंकी घटना या एक सीमित नेटवर्क तक नहीं, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा पर मंडराते एक व्यापक खतरे की ओर इशारा करता है. NIA की इस कार्रवाई से साफ है कि अब जासूसी, टेरर नेटवर्क और फाइनेंसिंग की हर कड़ी को न सिर्फ तोड़ा जाएगा, बल्कि उनके डिजिटल और साइबर आधार को भी उजागर किया जाएगा.

मुख्य समाचार

बांग्लादेश में चुनाव को लेकर बड़ी घोषणा, अप्रैल 2026 में होंगे आम चुनाव

बांग्लादेश में सत्ता की तस्वीर बदलने जा रही है....

विज्ञापन

Topics

More

    Related Articles