बिहार की राजनीति में एक बार फिर से नया मोड़ आया है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व नेता और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अब अपनी नई पार्टी के साथ राजनीति के मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है. उनकी नई पार्टी का नाम ‘जनशक्ति जनता दल’ (JJD) रखा गया है, जिसका चुनाव चिह्न ‘ब्लैक बोर्ड’ है. इस घोषणा के साथ ही तेज प्रताप ने यह साफ कर दिया है कि वे अब बिहार की राजनीति में एक अलग विचारधारा और नई ऊर्जा के साथ प्रवेश कर रहे हैं.
तेज प्रताप यादव ने अपनी नई पार्टी की जानकारी अपने आधिकारिक X हैंडल पर साझा की. इस दौरान उन्होंने पार्टी का पहला पोस्टर भी लॉन्च किया, जिसमें उन्होंने देश के पांच महान नेताओं और समाज सुधारकों को प्रमुखता से स्थान दिया है महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव अंबेडकर, राम मनोहर लोहिया, जय प्रकाश नारायण और कर्पूरी ठाकुर. तेज प्रताप ने अपने सिंबर से साफ मैसेज दे दिया है कि उनकी पार्टी सामाजिक न्याय, समता और जनहित की राजनीति को आगे बढ़ाना चाहती है.
सबसे खास बात इस पोस्टर की यह रही कि इसमें तेज प्रताप यादव ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव को शामिल नहीं किया. यह कदम न सिर्फ पारिवारिक राजनीति में दूरी को दिखाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि तेज प्रताप अपनी अलग पहचान बनाने और अपनी राजनीति को पारंपरिक राष्ट्रीय जनता दल की छाया से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं.
तेज प्रताप यादव ने अपने बयान में कहा, “हमलोग बिहार के संपूर्ण विकास के लिए पूर्ण रूप से समर्पित और तत्पर हैं। हमारा मकसद बिहार में संपूर्ण बदलाव कर एक नई व्यवस्था का नव निर्माण करना है.”
उनकी बातों से यह स्पष्ट होता है कि जनशक्ति जनता दल खुद को विकास, शिक्षा, सामाजिक न्याय और भ्रष्टाचार मुक्त शासन के एजेंडे पर आगे बढ़ाना चाहती है. ‘ब्लैक बोर्ड’ जैसे प्रतीक का चयन यह दर्शाता है कि उनकी पार्टी शिक्षा को प्राथमिकता देना चाहती है, जो कि बिहार जैसे राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है.
क्या यह पार्टी बनेगी एक नई ताकत?
बिहार की राजनीति पहले से ही जटिल समीकरणों और जातीय समीकरणों से प्रभावित रही है. ऐसे में तेज प्रताप यादव की नई पार्टी जनशक्ति जनता दल को जनता के बीच अपनी जगह बनाने के लिए मजबूत संगठन, स्पष्ट विजन और जमीनी काम दिखाना होगा.