देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए चार नए सदस्यों को नॉमिनेट किया है. इनमें वकील उज्जवल निकम, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, इतिहासकार डॉ. मीनाक्षी जैन और केरल के सामाजिक कार्यकर्ता सी. सदानंदन मास्टर शामिल हैं.
उज्जवल निकम कई हाई-प्रोफाइल अपराधिक मामलों में सरकारी वकील रह चुके हैं. 26/11 मुंबई हमले का केस भी इन्होंने ही लड़ा था. वहीं, हर्षवर्धन श्रृंगला भारत के विदेश सचिव रह चुके हैं. विदेश नीति के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव रहा है. मिनाक्षी जैन इतिहास की विख्यात प्रोफेसर हैं. वहीं, सदानंदन मास्टर शिक्षा और सामाजिक सेवा का अच्छा अनुभव रखते हैं. केरल में राजनीतिक हिंसा का वे शिकार भी हो चुके है.
संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत चारों को मनोनीत किया गया है. नियम के अनुसार, राष्ट्रपति कुछ विशिष्ट लोगों को उनके काम और अनुभव के आदार पर राज्यसभा भेज सकते हैं. राज्यसभा की खाली सीटों को भरने के लिए ही ये नॉमिनेशन हुआ है.
भारत के संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत राज्यसभा में कुल 250 सदस्य हो सकते हैं. 250 में से 238 सदस्य प्रदेशों और यूटी से चुने जाते हैं. 12 सदस्य राष्ट्रपति की ओर से मनोनीत किए जाते हैं. खास बात है कि राष्ट्रपति सिर्फ उन्हीं लोगों को राज्यसभा भेज सकते हैं, जिनका साहित्य, कला, विज्ञान और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में विशेष योगदान हो. अनुच्छेद 80(1)(a) और 80(3) के तहत नोमिनेशन होता है.
इस नियम का मकसद उन क्षेत्रों के विशेषज्ञों को संसद में भेज जाता है, जिससे वे अपने क्षेत्र के लिए आवाज उठा सकें. आजादी के बाद से अब तक कई महान हस्तियों को राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किया जा चुका है. इनमें प्रमुख नाम- लता मंगेशकर, रवींद्र जैन, एम.एस सुब्बुलक्ष्मी, सचिन तेंदुलकर, रेखा और जाकिर हुसैन है.