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कारगिल विजय दिवस के 23 साल: ऊंची चोटी पर घात लगाए बैठी पाक सेना को देश के वीर जवानों ने चटाई थी धूल, ऐसे हुई युद्ध की शुरुआत

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आज देशवासियों के लिए बहुत गौरवशाली दिन है. 23 साल पहले 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के नापाक इरादों को ध्वस्त करके टाइगर हिल पर विजयी तिरंगा लहरा दिया था. तब से देश के बहादुर सैनिकों द्वारा दिखाए गए अदम्य साहस, वीरता और बलिदान की याद में ‘कारगिल विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में देश के 500 से अधिक वीर सपूतों ने प्राणों को न्योछावर कर दिया था. ‌

आज सभी देशवासी कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए वीर सैनिकों को याद कर रहे हैं. देश उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहा है. भारतीय सेना के साहस और शौर्य को नमन किया जा रहा है. आइए जानते हैं कारगिल युद्ध की शुरुआत कैसे हुई थी. साल 1999 वे में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी. ‌प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान अटल जी पाकिस्तान से अच्छे रिश्ते बनाने के लिए प्रतिबद्ध थे.

इसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 20 फरवरी, साल 1999 में अमृतसर से लाहौर बस यात्रा भी की थी. उस समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ थे. इस यात्रा को लेकर दोनों मुल्कों में अमन और शांति का संदेश गया.

अटल जी की इस पहल को दुनियाभर के बड़े राजनेताओं ने सराहा. उनका स्वागत करने के लिए खुद पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ सामने आए. शरीफ के कार्यकाल में पाकिस्तान के सेना अध्यक्ष जनरल परवेज मुशर्रफ कमान संभाले हुए थे. अटल जी की लाहौर यात्रा का दोनों देशों ने भी खूब गर्मजोशी से स्वागत किया. लेकिन जनरल परवेज मुशर्रफ को भारत के साथ बढ़ते दोस्ताना रिश्ते रास नहीं आए.

अटल जी की बस यात्रा के 3 महीने बाद ही पाकिस्तान से कारगिल युद्ध छिड़ गया. पाकिस्तानी सैनिकों ने करगिल की ऊंची पहाड़ियों पर चुपचाप कब्जा कर ठिकाने बना लिए थे. पाक सैनिक ऊंची पहाड़ियों पर बैठे थे. इसका उन्हें फायदा मिल रहा था. भारतीय सेना को इस घुसपैठ की जानकारी चरवाहों से मिली.

चरवाहों ने पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों को वहां देख लिया था. इसका पता चलते ही तब रक्षा मंत्री रहे जॉर्ज फर्नांडिस ने रूस दौरा रद कर दिया. इसके बाद सेना ने ऑपरेशन विजय की तैयारी शुरू की. 1999 में आज के ही दिन भारतीय सेना ने करगिल युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटाई थी.

करीब 2 महीने तक चले इस युद्ध में 527 भारतीय जवान शहीद हुए. पाकिस्तान के भी करीब 3000 सैनिक मारे गए. उसके बाद भारतीय जवानों ने कारगिल और टाइगर हिल की चोटी पर तिरंगा लहरा दिया. इस प्रकार भारत में एक बार फिर पाकिस्तान को धूल चटा दी. बता दें कि इससे पहले 1965 और 1971 की जंग में भी पाकिस्तान भारत से हार चुका है.

जनरल परवेज मुशर्रफ को करगिल युद्ध का जिम्‍मेदार भी माना जाता है. करगिल युद्ध के समय वह पाकिस्तान के सेना प्रमुख थे. मुशर्रफ ने करगिल युद्ध के बारे में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भी अंधेरे में रखा था. उसी साल अक्टूबर 1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ ने सैन्य तख्तापलट करके नवाज शरीफ को सत्‍ता से बेदखल कर दिया.

नवाज शरीफ को इसका अंदेशा था इसलिए उन्‍होंने शक के आधार पर मुशर्रफ को सेनाध्यक्ष के पद से हटा दिया था. लेकिन जिस जनरल अजीज को नया चीफ आफ आर्मी स्टाफ बनाया वह मुशर्रफ के वफादार निकले. इसके बाद नवाज शरीफ का तख्‍तापलट कर दिया था.

हर साल कारगिल विजय दिवस पर देश के शहीदों को दी जाती है श्रद्धांजलि
बता दें कि हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर पूरे देश में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी जाती है. कैप्टन विक्रम बत्रा उन वीर जवानों में से एक हैं, जिन्होंने देश के लिए लड़ते हुए अपनी जान गंवाई. उन्हें भारत के सर्वोच्च वीरता सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था.

हाल ही में कैप्टन बत्रा के जीवन और राष्ट्र के लिए उनके बहादुर योगदान पर शेरशाह नाम की एक फिल्म भी बनाई गई थी. इस दिन, भारत के प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हैं.

देश को बाहरी ताकतों से सुरक्षित रखने में भारतीय सेना के योगदान का जश्न मनाने के लिए देश भर में समारोह भी आयोजित किए जाते हैं. शहीदों के परिवारों का भी स्मारक सेवा में स्वागत होता है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कारगिल विजय दिवस पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित कीं. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि कारगिल विजय दिवस हमारे सशस्त्र बलों की असाधारण वीरता, पराक्रम और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है.

भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले सभी वीर सैनिकों को मैं नमन करती हूं. सभी देशवासी, उनके और उनके परिवारजनों के प्रति सदैव ऋणी रहेंगे. जय हिन्द. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारगिल विजय दिवस पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी.

उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि कारगिल विजय दिवस मां भारती की आन-बान और शान का प्रतीक है. इस अवसर पर मातृभूमि की रक्षा में पराक्रम की पराकाष्ठा करने वाले देश के सभी साहसी सपूतों को मेरा शत-शत नमन. जय हिंद! रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कारगिल विजय दिवस पर शहीद हुए वीर जवानों को ट्वीट करते हुए श्रद्धांजलि दी है.

शंभू नाथ गौतम

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