बिहार में विधानसभा चुनाव की हलचलें तेज हो चुकी हैं. राजनीतिक दल अपने-अपने स्तर पर इस चुनाव को जीतने की तैयारी कर रहे हैं. एनडीए से लेकर महागठबंधन तक हर कोई विधानसभा में अपना दबदबा बनाना चाहता है. मौजूदा समय में बिहार की कमान एनडीए के सहयोगी और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार के हाथों में है. लेकिन बीते कुछ वक्त से जिस तरह उनकी सेहत को लेकर चर्चाओं ने जोर पकड़ा है ऐसे में अब प्रदेश में नए सीएम चेहरे की अटकलें तेज हो गई हैं. हालांकि जेडीयू ने इससे निपटने की तैयारी की है, लेकिन राजनीतिक हलकों में अब चिराग पासवान का नाम सामने आ रहा है. ऐसे में क्या बिहार के अगले सीएम चिराग पासवान होंगे, आइए जानते हैं कहां से उठी ये मांग और क्या है संभावना.
बिहार में नवंबर तक विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में राजनीतिक दल इसमें अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं. एनडीए और इंडिया दोनों ही गठबंधनों की बैठकों का दौर चल रहा है. इस बीच चिराग पासवान को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. चिराग को सीएम बनाए जाने की मांग उठने लगी है. बता दें कि हाल में युवा लोकजनशक्ति पार्टी राम विलास की राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक हुई.
रविवार को हुई इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों समेत कई कार्यकर्ता और नेता शामिल हुए. बैठक में युवा विंग ने चिराग पासवान से विधानसभा चुनाव लड़ने की अपील की. साथ ही बिहार के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें देखने की इच्छा भी जाहिर की. युवा विंग का कहना है कि चिराग पासवान में प्रदेश की कमान संभालने का माद्दा है. लिहाजा उन्हें इस चुनाव में लड़ना चाहिए और एनडीए के सीएम चेहरे के रूप में सामने आना चाहिए.
युवा विंग की बैठक के बाद लोजपा आर के प्रदेश अध्यक्ष वेद प्रकाश पांडेय ने कहा कि चिराग पासवान पहले से ही बिहार-फर्स्ट और बिहारी-फर्स्ट के विजन पर काम कर रहे हैं. ऐसे में उनके चुनाव लड़ने पर हम विजन को घर-घर तक पहुंचाएंगे. उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का निमंत्रण भी दिया.
यही नहीं युवा विंग ने चिराग पासवान से एक और अपील की है. इसके तहत उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान 15 फीसदी युवाओं को टिकट देने यानी आरक्षण की बात कही है. ऐसे में चुनाव में युवाओं की भागीदारी बढ़ने की संभावना है.
अब बात करें चिराग पासवान के बिहार का चेहरा बनने की संभावनाओं पर तो बीजेपी के लिए वह पहले ही खास रहे हैं. केंद्रीय मंत्रीमंडल में जगह मिलना भी इसका संकेत है. अगर बीजेपी अपना कोई उम्मीदवार तय नहीं करती है और नीतीश की जेडीयू ज्यादा वोट बंटोरने में कामयाब नहीं रहती है तो हो सकता है मोदी प्रदेश के ही युवा चिराग पासवान को महागठबंधन के उम्मीदवार तेजस्वी के सामने खड़ा कर सकते हैं.
वैसे भी चिराग खुद को मोदी का हनुमान कहते आए हैं. ऐसे में संकटमोचन पर अगर मोदी भरोसा जताते हैं तो उनके सीएम चेहरा बनने का रास्ता साफ हो सकता है. हालांकि ये राह इतनी आसान नहीं होगी. क्योंकि जेडीयू में नीतीश नहीं तो सम्राट चौधरी और लल्लन सिंह बड़े नाम हैं. इसके अलावा बीजेपी अगर सबसे बड़ा दल बनकर उभरती है तो निश्चित रूप से वह अपनी ही पार्टी का कोई उम्मीदवार सीएम बनाएगी. वैसे भी एनडीए सीएम चेहरे के साथ आमतौर पर चुनाव नहीं लड़ती है.