2 जून 2025 को, छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिसमें दो PLGA (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) के सदस्य शामिल थे। इनमें से छह नक्सलियों पर कुल ₹25 लाख का इनाम था, जिनमें से एक महिला और एक युवा सदस्य पर ₹8 लाख का इनाम था। आत्मसमर्पण करने वालों ने माओवादी विचारधारा को ‘अमानवीय’ और ‘निरर्थक’ बताते हुए स्थानीय आदिवासियों पर किए गए अत्याचारों की आलोचना की। उन्होंने राज्य सरकार की ‘नियाद नेल्लानार’ योजना और नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर यह कदम उठाया।
इस आत्मसमर्पण के साथ ही केरलापेंडा गांव नक्सल मुक्त हो गया है, जिससे उसे राज्य सरकार की नई योजना के तहत ₹1 करोड़ के विकास कार्यों के लिए पात्रता मिल गई है। सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को ₹50,000 की तत्काल सहायता प्रदान की गई है, और उन्हें पुनर्वास नीति के तहत आगे की सहायता दी जाएगी।
यह घटनाक्रम छत्तीसगढ़ सरकार की ‘नक्सल मुक्त भारत अभियान’ के तहत की गई सफलताओं का हिस्सा है, जिसमें पिछले वर्ष 792 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था।