चुनाव आयोग (ECI) ने बताया कि बिहार के प्रधान निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में अब तक 70,895 व्यक्तिगत निवासियों द्वारा ड्राफ्ट मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने संबंधी दावा-आपत्तियाँ (Claims & Objections) दर्ज कराई जा चुकी हैं । इनमें से 3,449 प्रकरणों का निर्वाचन पंजीयक अधिकारियों (EROs) द्वारा निपटारा भी किया जा चुका है ।
दिलचस्प बात यह है कि राजनीतिक दलों की ओर से इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की (एक भी) दावा-आपत्ति दर्ज नहीं कराई गई है, जबकि ड्राफ्ट रोल 1 अगस्त को प्रकाशित हुआ था और 21 दिन बीत चुके हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह फार्म 6 (Form 6) और फार्म 7 (Form 7) के माध्यम से व्यक्तिगत मतदाताओं या बूथ-स्तरीय एजेंट (BLAs) द्वारा भी दायर किए जा सकते हैं ।
इसके अतिरिक्त, आयोग की जानकारी के मुताबिक, SIR (Special Intensive Revision) प्रक्रिया के दौरान नए 2,28,793 युवा मतदाताओं ने भी नामांकन के लिए आवेदन किया है, जो 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुके हैं।
इस कदम से स्पष्ट होता है कि यह दावा-आपत्ति प्रक्रिया पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत और व्यक्तिगत स्तर पर हो रही है, जबकि राजनीतिक दलों की निष्क्रियता सवाल खड़े कर रही है। आयोग ने एक महीने की अवधि दी है — दावा-आपत्तियाँ जमा करने की अंतिम तिथि 1 सितंबर है, जिसके बाद सत्यापन प्रक्रिया पूरी कर final मतदाता सूची जारी की जाएगी ।