लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी का वीरतापूर्ण बलिदान, साथी की जान बचाते हुए शहीद

लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी ने सिक्किम में अपने साथी सैनिक की जान बचाने के प्रयास में वीरगति को प्राप्त किया। 23 वर्षीय लेफ्टिनेंट तिवारी, जो दिसंबर 2024 में सिक्किम स्काउट्स रेजिमेंट में कमीशन हुए थे, 22 मई 2025 को उत्तर सिक्किम में एक ऑपरेशनल टास्क के दौरान यह साहसिक कदम उठाते हुए शहीद हो गए।

घटना उस समय हुई जब उनकी टीम एक टैक्टिकल ऑपरेटिंग बेस की ओर रूट खोलने के लिए गश्त कर रही थी। सुबह लगभग 11 बजे, अग्निवीर स्टीफन सुब्बा लकड़ी के पुल को पार करते समय फिसलकर तेज बहाव वाली नदी में बह गए।

लेफ्टिनेंट तिवारी बिना किसी संकोच के नदी में कूद पड़े और साथी सैनिक नायक पुकार कटेल के साथ मिलकर अग्निवीर को बचा लिया। हालांकि, इस प्रयास में वह स्वयं बह गए। लगभग आधे घंटे बाद, उनका शव 800 मीटर नीचे मिल गया।

लेफ्टिनेंट तिवारी के बलिदान को भारतीय सेना ने उसकी कोर वैल्यूज़—निस्वार्थ सेवा, ईमानदारी और नेतृत्व—का प्रतीक बताया। उनका यह साहसिक कदम भारतीय सैनिकों के बीच प्रेरणा का स्रोत बनेगा। उनके परिवार में माता-पिता और एक बहन हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अयोध्या में उनके सम्मान में एक स्मारक बनाने की घोषणा की है।

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