नैनीताल जिला पंचायत चुनाव में 14 अगस्त 2025 को हुई हिंसा और कथित अपहरण कांड ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पांच कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्यों के मतदान केंद्र से अपहरण के बाद उत्तराखंड हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने पुलिस की निष्क्रियता पर कड़ी टिप्पणी करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) पीएन मीणा को “नाकाम” करार दिया और उनकी स्थानांतरण की सिफारिश की।
इसके अलावा, तल्लीताल थानाध्यक्ष रमेश सिंह बोहरा का अल्मोड़ा तबादला किया गया और कांस्टेबल अमित चौहान को निलंबित किया गया। एक महिला कांस्टेबल, एक पुरुष कांस्टेबल और एक अग्निशमनकर्मी को लाइन हाजिर किया गया है। इससे पहले, एएसआई उदय सिंह राणा को भी निलंबित किया गया था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कुमाऊं कमिश्नर को 15 दिन में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं और भवाली सीओ प्रमोद साह का स्थानांतरण भी किया गया है। बेतालघाट गोलीकांड में भी संबंधित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है।