ED (Enforcement Directorate) ने अनिल अंबानी को आज नई दिल्ली में ₹17,000 करोड़ के कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में पूछताछ के लिए समन भेजा है। यह समन 1 अगस्त को जारी किया गया था और जुलाई के अंत में ED द्वारा 35 स्थानों पर तीन दिवसीय छापेमारी की गई थी, जिसमें 50 कंपनियां और 25 से अधिक व्यक्ति शामिल थे।
ED की जांच मुख्य रूप से रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित समूह की कंपनियों द्वारा इंटर‑कॉर्पोरेट डिपॉज़िट (ICD) के माध्यम से ₹17,000 करोड़ से अधिक के ऋणों का गलत उपयोग, लोन डाइवर्जन और “एवरग्रीनिंग” (नए ऋण से पुराने को चुकाना) की संभावनाओं पर केंद्रित है।
इसके अलावा, ED ने रिलायंस समूह के शीर्ष अधिकारियों — अमिताभ झुनझुनवाला, सतीश सेठ सहित — को भी समन भेजा है ताकि मामले में उनकी भूमिका की पड़ताल की जा सके । ₹17,000 करोड़ ऋणों के बारे में 39 बैंकों से पूछताछ की जा रही है, जिसमें SBI, ICICI, HDFC, Axis समेत कई प्रमुख बैंक शामिल हैं ।
ED ने अनिल अंबानी के खिलाफ Look Out Circular (LOC) भी जारी किया है, जिससे वे विदेश यात्रा नहीं कर सकते, जबकि जांच जारी है ।
इस मामले में शुक्रवार (1 अगस्त) को पहला गिरफ्तार किया गया — पार्थ सरथी बिस्वाल, जिन्हें ₹68.2 करोड़ के नकली बैंक गारंटी मामले में PMLA (Prevention of Money Laundering Act) के तहत गिरफ्तार किया गया है ।