केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने मुंबई की एक विशेष अदालत में दो आपराधिक मुकदमे दर्ज किए हैं, जिनमें यह आरोप है कि यस बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर ने अनिल धीरुभाई अंबानी के ADA समूह की कंपनियों के साथ मिलकर बैंक की सार्वजनिक धनराशि ₹2,796.77 करोड़ की धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल की।
जाँच में पाया गया कि वर्ष 2017 में यस बैंक ने RCFL (Reliance Commercial Finance Ltd) में लगभग ₹2,045 करोड़ और RHFL (Reliance Home Finance Ltd) में करीब ₹2,965 करोड़ निवेश किया था — नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) और कमर्शियल पेपर्स के रूप में। ये निवेश तब भी हुए जब CARE रेटिंग एजेंसी ने ADA ग्रुप की वित्तीय स्थिति खराब होने की चेतावनी दी थी।
जांच से यह भी उजागर हुआ कि यह रकम कई परतों के माध्यम से निकाल कर बैंक के नज़र से बाहर कर दी गई। इसके अलावा, ADA समूह ने राणा कपूर के परिवार से जुड़ी कंपनियों को सस्ते दरों पर क्रेडिट सुविधाएँ दीं — एक प्रकार का प्रतिफल (quid pro quo) समझौता।
CBI का दावा है कि इस दोषी व्यवस्था के कारण यस बैंक को भारी वित्तीय हानि हुई, जबकि ADA समूह और कपूर परिवार की कंपनियों को अवैध लाभ मिला।