भारतीय सेना की पहली लंबी दूरी की ATAGS (Advanced Towed Artillery Gun System) तोपों की रेजिमेंट फरवरी 2027 तक परिचालन‑योग्य होगी। यह रेजिमेंट पूरी तरह से देश में विकसित और निर्मित 155 मिमी की स्व‑संचालित तोपों से सुसज्जित होगी, जो दिशानिर्देशित अग्नि, लंबी दूरी की मार और तेज़ रिएक्शन क्षमता प्रदान करेंगी ।
ATAGS तोपें DRDO, ARDE, Kalyani Strategic Systems और Tata Advanced Systems के सहयोग से विकसित की जा रही हैं। यह तोप 48 किमी तक के लक्ष्य पर फायर कर सकती हैं और रैमजेट गोला (ramjet shell) के साथ 80 किमी तक की पहुँच भी रखती हैं ।
कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने मार्च 2025 में 307 ATAGS तोपों और 327 टॉविंग व्हीकल्स की खरीद को मंज़ूरी दी है। इनकी आपूर्ति 15 रेजिमेंटों को की जाएगी, जिसमें 60% निर्माण Bharat Forge द्वारा और शेष Tata Advanced Systems द्वारा किया जाएगा ।
ATAGS में ऑटोमैटिक लोदेिंग सिस्टम, ऑल‑इलेक्ट्रिक ड्राइव, कम रख‑रखाव और तेज़ “शूट‑एंड‑स्कूट” क्षमता है। यह रेजिमेंट वास्तव में एक आधुनिक, मोबाइल और आत्मनिर्भर तोपख़ाना देगा जो विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों में (रेगिस्तान से लेकर पहाड़ों तक) काम करने में सक्षम होगा ।
इस प्रकार, 2027 तक की अवधि में यह महत्वपूर्ण क्षमता भारतीय सेना की अग्नि शक्ति को अगले स्तर पर ले जाने का संकेत है।