कोलकाता उच्च न्यायालय ने सोमवार को फिल्म “द बंगाल फाइल्स” के निर्माताओं को बड़ी राहत देते हुए सेंसरशिप हटाने की याचिका खारिज कर दी। यह याचिका स्वतंत्रता सेनानी गोपाल चंद्र मुखर्जी उर्फ गोपाल पाठा के पोते शंतनु मुखर्जी ने दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि फिल्म में उनके दादा की छवि को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। शंतनु का कहना था कि फिल्म में गोपाल पाठा को “कसाई” के रूप में दर्शाया गया है, जो उनके परिवार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है।
कोर्ट ने याचिका को सुनवाई योग्य नहीं मानते हुए खारिज कर दिया, और फिल्म की रिलीज पर कोई रोक नहीं लगाई। न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने कहा कि याचिका में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) या केंद्र सरकार की ओर से कोई पक्ष नहीं रखा गया, और याचिका में कोई ठोस आधार नहीं था।
निर्माताओं ने इस फैसले को न्याय की जीत बताया है। हालांकि, फिल्म की रिलीज को लेकर पश्चिम बंगाल में राजनीतिक दबाव और थिएटर मालिकों से धमकियों की खबरें आई हैं। निर्माता पलवी जोशी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अपील की है कि उनकी संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जाए।
फिल्म “द बंगाल फाइल्स” में 1946 के डायरेक्ट एक्शन डे के दंगों की कहानी को दर्शाया गया है, जिसमें ऐतिहासिक घटनाओं और काल्पनिक तत्वों का मिश्रण है। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, पलवी जोशी, सिमरत कौर रंधावा और दर्शन कुमार जैसे कलाकारों ने अभिनय किया है।