बिहार में एक बार फिर से सियासी तापमान बढ़ चुका है, क्योंकि वर्ष 2025 के विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही सभी प्रमुख दलों ने अपनी रणनीतियाँ तेज़ कर दी हैं। राज्य में जनता दल (यूनाइटेड) के नेतृत्व में नीतीश कुमार की सरकार फिलहाल सत्ता में है, लेकिन अब सवाल उठ रहा है — क्या नीतीश कुमार को एक और कार्यकाल मिलेगा या युवा नेता तेजस्वी यादव इस बार सत्ता पर काबिज़ होंगे?
नीतीश कुमार ने कई वर्षों तक बिहार की राजनीति में स्थायित्व और सुशासन का दावा किया है, जबकि दूसरी ओर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव युवाओं, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को उठाकर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। तेजस्वी की लोकप्रियता युवा वर्ग और पिछड़े तबकों में लगातार बढ़ रही है।
विपक्षी गठबंधन और बीजेपी भी अपनी तैयारियों में जुट गई हैं। चुनाव से पहले राजनीतिक जोड़-तोड़, आरोप-प्रत्यारोप और रैलियों का दौर तेज़ हो चुका है।
बिहार चुनाव 2025 ना केवल सत्ता परिवर्तन का संकेत हो सकता है, बल्कि यह तय करेगा कि जनता अनुभवी नेतृत्व पर विश्वास करती है या युवा जोश पर दांव लगाती है।