फरवरी 2025 में सरकार ने संसद के लोकसभा सदन में नया आयकर बिल 2025 पेश किया था, जिसका उद्देश्य आयकर प्रणाली को और प्रभावी, पारदर्शी और सरल बनाना था। बिल में कर दरों, छूटों, और टैक्स नियमों में बदलाव किए जाने का प्रस्ताव था, जिससे करदाताओं के लिए लाभ और प्रशासनिक सुधार की उम्मीद थी।
हालांकि, इस बिल को पेश करने के बाद संसद में इसे लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों और सांसदों के बीच व्यापक चर्चा और विरोध शुरू हो गया। विपक्षी पार्टियों ने बिल के कुछ प्रावधानों को लेकर चिंता जताई और इसे व्यापक समीक्षा की आवश्यकता बताई। इसके अलावा, कुछ तकनीकी और संवैधानिक मुद्दे भी उठाए गए, जिनके कारण सरकार को इसे तत्काल वापस लेने का निर्णय लेना पड़ा।
सरकार ने कहा कि वह बिल के प्रावधानों पर और अधिक विचार-विमर्श करेगी और सभी हितधारकों की राय लेकर संशोधित बिल फिर से संसद में पेश करेगी। इसके पीछे यह मकसद है कि कर प्रणाली को बेहतर बनाते हुए आर्थिक विकास और कर संग्रह में सुधार किया जा सके।
इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि सरकार कर सुधार के प्रति गंभीर है, लेकिन साथ ही इसे पारदर्शी, समावेशी और संतुलित बनाने के लिए पूरी प्रक्रिया को सावधानी से आगे बढ़ाया जा रहा है।