उत्तराखंड – चारधाम यात्रा पर भारी बारिश ने बड़ा प्रहार किया है। मानसून के सक्रिय होते ही पिछले दो सप्ताह में श्रद्धालुओं की संख्या में पाँच गुना गिरावट आई है। 20 जून को प्रतिदिन लगभग 70,000 तीर्थयात्री धर्मस्थलों पर दर्शन कर पा रहे थे, लेकिन अब संख्या केवल 13,000 प्रतिदिन रह गई है ।
यमुनोत्री धाम पर यात्राएं पांच दिनों से बंद हैं, जबकि केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री व हेमकुंड साहिब में धीमी रफ्तार से यात्रा जारी है । मौसम विभाग की रेड अलर्ट और भूस्खलन की चेतावनी के कारण जून अंत में यात्रा को 24 घंटे के लिए रोकना पड़ा था ।
גם अन्य रिपोर्टों ने बारिश से अनेक मार्गों पर भूस्खलन की स्थिति का जिक्र किया है—यमुनोत्री राष्ट्रीय मार्ग पर सड़क धसकर यातायात अवरुद्ध हुआ और लगभग 600 श्रद्धालु फंसे रहे, जिनमें करीब 200 महाराष्ट्र से आये थे । दूसरी ओर, ऊत्तরकाशी और चमोली जिलों में मूसलाधार बारिश और भूस्खलनों के कारण 72 से अधिक सड़क मार्ग बंद हो गए तथा 40,000 से अधिक लोग कट-ऑफ हो गए ।
राज्य सरकार ने अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। यातायात्रियों को सुरक्षित ठिकानों पर रुकने की सलाह दी गई है और फायर, SDRF तथा PWD‑BRO कर्मियों को तैनात किया गया है । मुख्य सचिव धामी ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपील करते हुए यात्रियों से मौसम साफ़ होने तक धामों के रुख न करने की रिक्वेस्ट की है ।