कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की हालिया विदेश नीति पहल पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने सरकार द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत गठित ऑल-पार्टी डेलीगेशन को “क्षणिक, पाखंडी और अवसरवादी” करार दिया। रमेश ने कहा कि 11 वर्षों तक विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस, को बदनाम करने के बाद, अब सरकार को विपक्ष की मदद लेनी पड़ रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की “विषैली राजनीति” ने भारत की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंचाया है और अब सरकार बाइपार्टिसनशिप की ओर रुख कर रही है, जो केवल एक क्षणिक और पाखंडी प्रयास है।
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने पार्टी द्वारा सुझाए गए चार नामों में से केवल एक को डेलीगेशन में शामिल किया, जबकि अन्य तीन को नजरअंदाज कर दिया गया। रमेश ने कहा कि यह सरकार की “बेईमानी” को दर्शाता है और यह प्रक्रिया “राजनीतिकरण” का उदाहरण है।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि मानती है और उसके सांसदों को अपनी अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए।