लंबे समय से चले आ रहे विवाद और सियासी खींचतान के बीच आखिरकार नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद का चुनाव संपन्न हुआ। इस चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशी दीपा ने जीत हासिल कर अध्यक्ष पद अपने नाम किया, जबकि कांग्रेस की देवकी उपाध्यक्ष चुनी गईं।
यह चुनाव केवल पदों की होड़ नहीं बल्कि जिले की सियासत में वर्चस्व की लड़ाई भी माना जा रहा था। भाजपा ने इस जीत को विकास और संगठन की एकजुटता की जीत करार दिया, वहीं कांग्रेस ने उपाध्यक्ष पद को जनता का भरोसा बताते हुए अपनी मौजूदगी मजबूत करने का दावा किया।
विशेष बात यह रही कि चुनाव से पहले लगातार कानूनी अड़चनें और आपसी आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। कई बार प्रक्रिया टलने के बाद अंततः मतदान हुआ और परिणाम ने पूरे जिले की राजनीति को नई दिशा दी।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह जीत-हार आगामी स्थानीय निकाय और विधानसभा चुनावों के समीकरणों को भी प्रभावित करेगी। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि नई टीम जिला पंचायत में किस तरह विकास कार्यों को गति देती है और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरती है।