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डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के ट्वीट से गरमाया लव जिहाद का मुद्दा, ऐक्शन में आयी सरकार

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डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य

यूपी की राजधानी लखनऊ में कुछ दिनों से लव जिहाद का मुद्दा गरमाया नजर आ रहा है। बता दे कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के द्वारा इस मामले पर ट्वीट कर सख्त कार्रवाई की बात राखी गयी है। अपने ट्वीट में डिप्टी सीएम ने कहा, ‘लव जिहाद एक सुनियोजित साज़िश है। जिहाद की आड़ में हिंदू लड़कियों की निर्मम हत्याएं हो रही हैं। अपराधियों के खिलाफ कठोर क़ानूनी कार्रवाई होगी।’

हालांकि यह मुद्दा आगामी लोकसभा उपचुनाव और विधानसभा उपचुनाव में उभर सकता है। इसी के साथ ही लखनऊ के निधि गुप्ता हत्याकांड मामले में पुलिस ने आरोपी सूफियान की सूचना देने पर 25 हजार का इनाम घोषित किया है। बता दे कि लखनऊ DCP पश्चिम ने कहा कि सूचना देने वाले को पुलिस द्वारा इनाम दिया जाएगा। इसी के साथ सुफियान की तलाश में देर रात एक दर्जन से ज्यादा जगहों पर दबिश दी गई। निधि गुप्ता के हत्यारोपी सूफियान को पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पायी है।

धर्मांतरण को लेकर सीएम योगी और यूपी सरकार का भी सख्त रुख रहा है। उत्तर प्रदेश में लव जिहाद से जुड़े कानून के तहत अब तक 291 मामले दर्ज हुए हैं। इसी के साथ धर्मांतरण कानून को लेकर अब तक 507 से ज्यादा गिरफ्तारी हुई हैं। 150 मामलों में पीड़ित कोर्ट के सामने जबरदस्ती धर्म बदलवाने की बात कही है। नाबालिगों के धर्मांतरण में अब तक 59 मामले दर्ज हो चुके है। बता दे कि बरेली जनपद में अब तक सबसे अधिक मामले दर्ज हुए हैं।

इसी के साथ उत्तर प्रदेश में दिव्यांग बच्चों का धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का खुलासा भी हो चुका है। बता दे कि 27 नवंबर 2020 से प्रदेश में गैर कानूनी धार्मिक रूपांतरण निषेध कानून लागू हो चुका है। बता दे कि धर्मांतरण कानून के तहत दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को अपराध की गंभीरता के आधार पर 10 साल तक की जेल व 15 से 50 हजार तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

साथ ही अंतर धार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों को शादी करने से दो महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचित करना जरुरी होता है। साथ ही जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर न्यूनतम 15 हजार रुपये के जुर्माने के साथ एक से पांच साल की कैद का प्रावधान है। एससी/एसटी समुदाय के नाबालिगों और महिलाओं के धर्मांतरण पर 3 से 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है।

जबरन सामूहिक धर्मांतरण के लिए जेल की सजा 3 से 10 साल और जुर्माना 50 हजार रुपये तक है। हालांकि कानून के मुताबिक, अगर विवाह का एकमात्र उद्देश्य महिला का धर्म परिवर्तन कराना है तो ऐसी शादियों को अवैध करार दिया जाएगा।

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