तमिलनाडु की प्रमुख पार्टी डीएमके ने इंडिया ब्लॉक से उपराष्ट्रपति चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन के खिलाफ तमिलनाडु से अपना उम्मीदवार उतारने का आग्रह किया है। डीएमके नेता टी.के.एस. एलांगोवन ने कहा कि राधाकृष्णन की उम्मीदवारी तमिलनाडु के लिए कोई लाभकारी नहीं है, क्योंकि उनका चुनावी इतिहास सीमित है और वे राज्य के विकास में सक्रिय नहीं रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राधाकृष्णन की उम्मीदवारी भाजपा के लिए एक रणनीतिक कदम है, जो राज्य में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है। डीएमके का मानना है कि इस कदम से राज्य में भाजपा की पकड़ मजबूत हो सकती है, जबकि डीएमके और उसके सहयोगी दलों की स्थिति कमजोर हो सकती है।
विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने भी राधाकृष्णन की उम्मीदवारी पर सवाल उठाया है, उन्हें आरएसएस से जुड़ा व्यक्ति बताते हुए कहा कि विपक्ष को इस पर विचार करना चाहिए। इस बीच, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और जनसेना प्रमुख पवन कल्याण ने राधाकृष्णन की उम्मीदवारी का समर्थन किया है, उन्हें एक ईमानदार और अनुभवी नेता बताते हुए कहा कि उनका चुनाव लोकतंत्र को मजबूत करेगा।
उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को होने हैं, और यह चुनाव तमिलनाडु की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है। डीएमके की मांग से राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इंडिया ब्लॉक इस पर क्या निर्णय लेता है।