उत्तराखंड कैबिनेट ने भ्रष्टाचार की रोकथाम को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से विजिलेंस विभाग के तकनीकी एवं वित्तीय जांच क्षमताओं को बढ़ाने का बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत विभाग में 20 नए पदों की स्वीकृति दी गई है, जिससे कुल पद संख्या 132 से बढ़कर 152 हो जाएगी ।
इस पहल से विजिलेंस टीम अब डिजिटल फॉरेंसिक और वित्तीय दस्तावेजों की गहन जांच करने में समर्थ होगी। राज्य सरकार ने एक डिजिटल फॉरेंसिक लैब की भी स्थापना मंजूर की है, जो टैक्स अथार्टीज (CGST, आयकर आदि) तथा अन्य विभागों के सहयोग से भ्रष्टाचार की लगभग रीयल-टाइम जांच संभव बनाएगी ।
कैबिनेट की इसी बैठक में भू-ऊष्मीय ऊर्जा नीति 2025 को मंजूरी दी गई, जिसका मकसद ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देना है। साथ ही, पुलों की मजबूती के लिए एक परियोजना प्रबंधन इकाई (PMU) गठित की जाएगी, जिससे सड़कों और पुलों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके । राज्य में खनिज संसाधनों की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए भी उपयुक्त नियम लागू किए गए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विजिलेंस विभाग को सशक्त बनाकर सरकार का यह संदेश है कि कोई भी भ्रष्ट प्रवृत्ति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विभाग में तकनीकी विशेषज्ञों की भर्ती से जांच प्रक्रियाएं तेज और प्रभावशाली बनेंगी। इस कदम से उत्तराखंड में सुशासन और पारदर्शिता की दिशा में महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद है।